सेना को चाहिए 18,000 जवानों का नया फौजी दस्ता!

Edited By ,Updated: 11 Apr, 2017 01:05 PM

indian army  dsc  general philip

भारतीय सेना का कहना है कि उन्हें अपने सैन्य कैंपों की सुरक्षा के लिए अधिक और नए प्लटूंस की जरूरत है।

नई दिल्ली: भारतीय सेना का कहना है कि उन्हें अपने सैन्य कैंपों की सुरक्षा के लिए अधिक और नए प्लटूंस की जरूरत है। सेना की मांग है कि उन्हें डिफेंस सिक्यॉरिटी कॉर्प्स (डीएससी) के 370 नए प्लटूंस (करीब 18,000 जवान) दिए जाएं। उन्होंने इसके लिए मंजूरी देने की मांग की रक्षा मंत्रालय से की है। सेना का कहना है कि उन्हें बेहतर ट्रेनिंग वाले और अत्याधुनिक हथियारों जैसे एके-47 असॉल्ट राइफल्स, लाइट मशीन गैस से लैस जवानों की जरूरत है। उन्हें इनकी जरूरत देश के प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों और कैंपों की सुरक्षा के लिए है। पूर्व उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फिलिप कैंपोस (रिटायर्ड की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी।


पठानकोट हमले के बाद सैन्य और सुरक्षा ठिकानों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने देश के पूर्व उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फिलिप कैंपोस की अध्यक्षता में ये कमेटी बनाई थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर सेना की तरफ से ये मांग आई है। कैंपोस कमेटी ने पिछले एक साल के व्यापक ऑडिट में सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में कमियां पाई हैं। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पिछले साल मई में रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद तीनों सैन्य मुख्यालयों में सुरक्षा उपायों को लेकर विचार हुआ। हालांकि उड़ी और नगरौटा में सैन्य कैपों पर हमले होने के बाद भी सरकार कमेटी द्वारा की गई सिफारिशों को लागू नहीं कर पाई। लेकिन रक्षा मंत्रालय का कहना है कि कैंपोस पैनल की सिफारिशें के आधार पर तीनों सैन्य बल आर्मी, नेवी और एयर फोर्स को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।


तीनों सैन्य बलों ने अपनी सिक्यॉरिटी ऑडिट भी कर ली है। इस ऑडिट के बाद विचार किया जा रहा है कि उनकी सुरक्षा में आ रही कमजोरी के समाधान के लिए क्या कदम उठाए जाएं। हालांकि अभी इस बारे में विचार हो रहा है और ये तय है कि कई सारे कदम उठाए जाने बाकी हैं। कैंपोस कमेटी ने सुरक्षा के लिए घुसपैठ का पता लगाने वाली अत्याधुनिक प्रणाली को प्रभावी करने की बात कही थी। इसके अलावा बेस कैंपों की सुरक्षा और निगरानी में लगे जवानों को नए-अत्याधुनिक हथियार, बुलेट प्रूफ जैकेट्स और नाइट विजन डिवाइस उपलब्ध कराने की भी सिफारिश की गई थी।

कमेटी ने डीएससी में बड़े पैमाने पर सुधार की बात कही थी। डीएससी में सशस्त्र बलों से रिटायरमेंट के बाद जवानों को फिर से नियोजित किया जाता है। डीएससी में फिलहाल 64,500 से अधिक जवान हैं। इससे सहमत होते हुए सेना ने 370 नए प्लटूंस की मांग की है। रक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक हर प्लटून को कम से कम 2 लाइट मशीन गन, हल्के 2.5 टन वाहन के अलावा बुलेट प्रूफ जैकेट, हेडगियर और नाइट विजन डिवाइसों से भी लैस करने की मांग की गई है। इस एक प्लटून में एक जेसीओ और 55 अन्य दूसरी रैंक होती हैं।

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