चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर नजर रखने के लिए अब ऊंटों का इस्तेमाल करेगी भारतीय सेना

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Dec, 2017 02:41 PM

indian army now to patrol china border in ladakh with camels

डोकलाम गतिरोध भले ही खत्म हो गया हो लेकिन भारत अब भी कोई रिस्क नहीं उठाना चाहता। इसी के चलते भारत ने सिक्किम-तिब्बत-भूटान के ट्राई-जंक्शन पर चीनी सेना की उपस्थिति को देखते हुए भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन के सैनिकों की घुसपैठ पर नजर रखने के लिए...

नई दिल्लीः डोकलाम गतिरोध भले ही खत्म हो गया हो लेकिन भारत अब भी कोई रिस्क नहीं उठाना चाहता। इसी के चलते भारत ने सिक्किम-तिब्बत-भूटान के ट्राई-जंक्शन पर चीनी सेना की उपस्थिति को देखते हुए भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन के सैनिकों की घुसपैठ पर नजर रखने के लिए ऊंटों के इस्तेमाल की योजना बनाई है। सेना नियंत्रण रेखा पर गश्त के लिए एक और दो कूबड़ वाले ऊंटों का इस्तेमाल करेगी इन ऊंटों को गश्त लगाने के अलावा गोला-बारूद और अन्य सामान्य ले जाने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

दो कूबड़ वाले बैक्ट्रियन नस्ल के ऊंट 180 से लेकर 220 किलोग्राम तक सामान ले जाने में सक्षम हैं। हालांकि भारतीय सेना गधे और खच्चर का इस्तेमाल करती है जो 40 किलोग्राम तक ही सामान ले जा पाते हैं। गधों और खच्चरों की अपेक्षा दो कूबड़ वाले ऊंट ज्यादा तेज चलते हैं और समतल जमीन पर दो घंटे में 10 से 15 किमी तक की दूरी तय कर लेते हैं। दो कूबड़ वाले ऊंट केवल लद्दाख के नूब्रा घाटी में पाए जाते हैं। सेना को पहले ही राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र बीकानेर से एक कूबड़ वाले चार ऊंट मिल चुके हैं। यदि सेना का पायलट प्रॉजेक्ट सफल हो जाता है तो एक और दो कूबड़ वाले ऊंटों का इस्तेमाल 12 हजार और 15 हजार फुट की ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में किया जाएगा।

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