अमरीकी नियंत्रण कारण भारत से पिछड़ा चीन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 04:21 PM

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अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालने के बाद एच-1बी वीजा पर कई तरह के नियंत्रण लगाने का ऐलान किया लेकिन उनका ऐलान भी भारतीयों के जोश में कोई कमी नहीं कर सका....

वॉशिंगटनः अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालने के बाद एच-1बी वीजा पर कई तरह के नियंत्रण लगाने का ऐलान किया लेकिन उनका ऐलान भी भारतीयों के जोश में कोई कमी नहीं कर सका। आज भी एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई करने वाले सबसे बड़े ग्रुप में भारतीयों का ही नाम है। अमरीकी वित्तीय वर्ष के पहले 9 माह के दौरान करीब 2.47 लाख भारतीयों ने एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई कर चुके हैं। 

एक अक्तूबर 2016 से 30 जून 2017 के बीच जिन लोगों ने भी एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई किया उनमें  74 प्रतिशत भारतीय हैं। अमरीकी वित्तीय वर्ष एक अक्तूबर से शुरू होता है और 30 सितंबर को खत्म होता है। 2015-2016 अमरीकी वित्तीय वर्ष के दौरान 3 लाख भारतीयों ने एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई किया था। वहीं अगर चीन के नागरिकों की बात करें तो यह संख्या काफी कम है। 30 जून तक 36,362 चीनी नागरिकों ने ही एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई किया था।

पिछले 10 वर्षों के दौरान चीनी नागरिकों की ओर से एच-1बी वीजा के आवेदन के लिए यह संख्या सबसे कम है। साल 2015-2016 में कुल 35,720 चीनी नागरिकों ने अमरीकी वीजा के लिए अप्लाई किया था। वहीं इस क्रम में कनाडा का नंबर तीसरा है जहां से 30 जून 2017 तक 3,551 नागरिकों ने अमरीकी वीजा के लिए अप्लाई किया था। अमरीका को 30 जून तक एच-1बी वीजा के लिए 3.36 लाख एप्लीकेशन मिली थी। इनमें से  1.97 लाख को मंजूरी दी गई थी। अमरीकी नागरिक और अप्रवासन सेवा की ओर से इन आंकड़ों को जारी किया गया है। विभाग का कहना है कि बहुत सी एप्लीकेशंस अभी तक अटकी हैं। 

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