Edited By ,Updated: 18 Feb, 2017 07:29 PM
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में 150 से अधिक वर्षों तक निष्क्रिय रहने के बाद वर्ष 1991 में सकिय होने वाले भारत के एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी...
पणजी: अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में 150 से अधिक वर्षों तक निष्क्रिय रहने के बाद वर्ष 1991 में सकिय होने वाले भारत के एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी से एक बार फिर से राख निकलना शुरू हो गया है। यह जानकारी गोवा स्थित राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्था (एनआईआे) के शोधकर्ताओं ने आज दी।
सीएसआईआर एनआईआे ने यहां एक बयान में कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुुखी एक बार फिर सक्रिय हो गया है। बैरन द्वीप पर स्थित ज्वालामुखी पोर्ट-प्लेयर से 140 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है और 150 वर्षों तक निष्क्रिय रहने के बाद 1991 में फिर से सक्रिय होने के बाद यह रक-रक कर सक्रिय होता रहा है।
अभय मुधोलकर की अगुवाई में गोवा में स्थित सीएसआईआर राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्था (सीएसआईआर-एनआईआे) के वैैज्ञानिकों की एक टीम ने जानकारी दी है कि ज्वालामुखी एक बार फिर सक्रिय हो गया है और इसमें से लावा और धुआं निकलने लगा है।