Edited By ,Updated: 23 Nov, 2016 06:34 PM
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में रविवार तड़के भीषण दुर्घटना की शिकार इंदौर-पटना एक्सप्रेस यहां से फिर अपनी मंजिल को रवाना हुई। लेकिन 150 लोगों...
इंदौर: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में रविवार तड़के भीषण दुर्घटना की शिकार इंदौर-पटना एक्सप्रेस यहां से फिर अपनी मंजिल को रवाना हुई। लेकिन 150 लोगों की जान ले लेने वाले इस हादसे के खौफ के चलते कई यात्रियों ने रेल चलने से पहले भगवान से अपनी सकुशल यात्रा की प्रार्थना की। इंदौर-पटना एक्सप्रेस के ‘एस-1’ कोच में बैठकर रेल चलने का इंतजार कर रहे अखिलेश झा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमेें तो इस रेल से अपनी मंजिल तक पहुंचना ही है। लेकिन हाल के भीषण हादसे की वजह से मन में थोड़ी घबराहट जरूर बनी हुई है। भगवान से यही प्रार्थना है कि हम सही सलामत घर पहुंच जायें।’
इसी कोच में बैठे दूसरे यात्री रमन झा कहते हैं, ‘जीना-मरना भगवान के हाथ में है। इसलिये हम इस रेल में बगैर किसी खौफ के यात्रा कर रहे हैं। लेकिन रेल यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे और सरकार की है।’ इंदौर-पटना एक्सप्रेस में सवार होने से पहले एक बुजुर्ग महिला को डिब्बे के दरवाजे के आगे हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना करते देखा गया। इस बीच, पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्र कुमार जयंत ने कहा, ‘भीषण हादसे के बाद भी इंदौर-पटना एक्सप्रेस में यात्रियों की तादाद में कोई कमी नहीं आयी है।
स्लीपर, सेकंड एसी और थर्ड एसी श्रेणी के डिब्बों में टिकट आरक्षण के लिये यात्रियों की प्रतीक्षा सूची आज भी वैसी ही है, जैसी आम तौर पर रहती है।’ उन्होंने यात्रियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इंदौर-पटना एक्सप्रेस को पूरी सुरक्षा जांच और उचित रख-रखाव के बाद ही रवाना किया गया है। इंदौर-पटना एक्सप्रेस इंदौर से हर बुधवार और शनिवार को रवाना होती है। पिछले शनिवार जो ट्रेन इंदौर से रवाना हुई, उसके 14 डिब्बे कानपुर देहात जिले में रविवार तड़के पटरी से उतर गये थे। इस भीषण दुर्घटना में 150 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई, जबकि कम से कम 200 अन्य घायल हो गए थे।