शुरुआती शिक्षा मातृभाषा में ही दी जाए : उपराष्ट्रपति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Oct, 2017 07:55 PM

initial education should be given only in mother tongue  vice president

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज शुरुआती शिक्षा को छात्रों की मातृभाषा में ही देने पर जोर दिया। नायडू ने इग्नू और बाबा साहब अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में भाषा की यात्रा विषयक दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के बाद...

अहमदाबाद: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज शुरुआती शिक्षा को छात्रों की मातृभाषा में ही देने पर जोर दिया। नायडू ने इग्नू और बाबा साहब अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में भाषा की यात्रा विषयक दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि भारत में भाषाओं को खासा विकास हुआ है। एक अध्ययन के अनुसार भारत 780 भाषाओं के साथ पापुआ न्यूगिनी (839) के बाद दुनिया में इस मामले में दूसरा सबसे बडा देश है। नायडू ने हालांकि इस बात पर चिंता जताई कि देश में छात्रों का भाषाई कौशल पढाई पूरी करने के बावजूद अपेक्षित रूप से बेहतर नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि कम से कम शुरुआती शिक्षा छात्रों को उनकी मातृभाषा में दी जाए।

उन्होंने कहा कि इसके अभाव में कई बच्चे विशेष रूप से आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पढाई बीच में ही छोड देते हैं। उन्होंने कहा कि देशी भाषा को नीची नजर से नहीं देखा जाना चाहिए। अंग्रेज एक सौ साल के शासन के बाद चले गए पर यहां अंग्रेजियत छोड गए। गुजरात सरकार के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूडासमा भी इस मौके पर मौजूद थे। 

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