इंटरनेट पर महिला सुरक्षा की वकालत कर रहे हैं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Aug, 2017 05:05 PM

internet  social media  security

महिलाओं की आवाज बुलंद करने वालों और दूसरी ओर ट्विटर पर ट्रोल करने वाले, दोनों को मजबूती देने वाले सोशल मीडिया को लेकर आयोजित एक पैनल चर्चा के.......

नई दिल्ली: महिलाओं की आवाज बुलंद करने वालों और दूसरी ओर ट्विटर पर ट्रोल करने वाले, दोनों को मजबूती देने वाले सोशल मीडिया को लेकर आयोजित एक पैनल चर्चा के दौरान महिलाओं के लिए सुरक्षित इंटरनेट प्रयोग सुनिश्चित करने के विषय पर चर्चा हुई।  ‘द सोशल सेफ्टी नेटवर्क’ शीर्षक से आयोजित इस चर्चा में प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और गूगल के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया और सुरक्षा नीतियों के बारे में बातचीत की।  फेसबकु में सार्वजनिक नीति निदेशक अनखी दास का मानना है कि यह समझना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है कि स्थानीय पक्षकार और उपयोक्ता प्लेटफॉर्म पर क्या देख रहे हैं और उसके आधार पर नीतियां बनानी हैं। 

 दास का कहना है कि फेसबुक पर आपत्तिजनक सामग्री से निपटने की नीतियां होने के बावजूद हम ‘यूथ की आवाज’ जैसे स्थानीय मंचों के साथ सहयोग कर रहे हैं ताकि पता कर सकें कि स्थानीय लोग इस सामग्री के बारे में क्या सोचते हैं।  उनका कहना है कि फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल का मामला अकसर सामने आता है लेकिन कई तरीके हैं जिनसे आप रिपोर्ट कर सकते हैं और प्लेटफॉर्म पर उपब्लध सभी सामग्री को रिपोर्ट किया जा सकता है। हम अन्य एहतियाती कदमों पर भी विचार कर रहे हैं।  ‘शीदपीपल.टीवी’ की ओर से आयोजित इस चर्चा में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा देने और महिलाओं को सशक्त करने में इनकी भूमिका पर भी बातचीत हुई। 

 गूगल का ‘इंटरनेट साथी’ प्रोग्राम जल्दी ही बिहार और हरियाणा में शुरू किया जाना है, ताकि ग्रमीण क्षेत्र की महिलाएं ऑनलाइन हो सकें।  गूगल के सुनीता मोहंती का कहना है, ‘‘हजारों गांवों में हमारे पास लाखों महिलाएं हैं जो ऑनलाइन काम करने को तैयार हैं। हमने स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम तैयार किये हैं ताकि लोगों को पासवर्ड और वित्तीय लेन-देन सुरक्षित रखने की शिक्षा दी जा सके।’’  हाल ही में ट्रोल्स के लिए सक्रिय प्लेटफॉर्म बन गया ट््िवटर भी ऑनलाइन सुरक्षा के लिए मजूबत प्रणाली विकसित कर रहा है।  ट््िवटर में ‘सार्वजनिक नीति और सरकार’ प्रमुख महिमा कौल का कहना है कि शिकायतों, विशेष तौर से महिलाओं की ओर से मिलने वाली शिकायतों का विश्लेषण करना मुश्किल है क्योंकि उपयोक्ताओं का प्रोफाइल अलग-अलग है। 
 

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