Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 08:03 PM
अंतरिक्ष की सैर के लिये किसी भारतीय मानव को भेजने के लिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन( इसरो) जरूरी क्षमता और तकनीक से लैस हो चुका है और इसके लिये अब इसकी तैयारी शुरु करने के लिये केवल सरकारी मंजूरी की जरुरत है...
नई दिल्ली(ब्यूरो): अंतरिक्ष की सैर के लिये किसी भारतीय मानव को भेजने के लिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन( इसरो) जरूरी क्षमता और तकनीक से लैस हो चुका है और इसके लिये अब इसकी तैयारी शुरु करने के लिये केवल सरकारी मंजूरी की जरुरत है।
मिशन के लिए टीम तैयार
यहां विच्रार संस्था आबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित कल्पना चावला स्पेस डायलाग में इसरो के एक आला अधिकारी ने कहा कि जहां तक इसरो का सवाल है इसकी टीम मानव अंतरिक्ष मिशन के लिये तैयार है। इसरो के डिस्टिंगुश्ड प्रोफेसर बी एन सुरेश ने इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस मिशन के लिये एक टीम का गठन किया गया है जो यह मिशन का दायित्व सम्भालने के लिये तैयार है।
अंतरिक्ष को लेकर भारत का पहला प्रयास
अधिकारी ने बताया कि भारतीय मानव को एक सप्ताह तक अंतरिक्ष में रखने योग्य क्षमता हासिल की गई है। उसके लिये जरूरी स्पेश सूट आदि का भी विकास किया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत ने चांद और मंगल ग्रहों पर अपने मिशन भेजे हैं लेकिन अंतरिक्ष में अपना आदमी भेजने का भारत का यह पहला महत्वाकांक्षी प्रयास होगा। अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही मानव युक्त अंतरिक्ष यान भेजे हैं।
इसरो बना रहा खास लांच राकेट
प्रोफेसर सुरेश ने बताया कि भारत अब पांच से आठ टन वजन वाले पेलोड अंतरिक्ष में स्थापित करने वाले भारी वजन वाले प्रक्षेपण यान भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। इसरो के वैज्ञानिक फिर से इस्तेमाल में लाये जाने वाले अंतरिक्ष यानों को बनाने की भी तैयारी कर रहा है ताकि अंतरिक्ष में उपग्रह स्थापित करने का खर्च कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि लघु उपग्रहों के बढ़ते इस्तेमाल और लोकप्रियता की वजह से इसरो अब इनके लिये खास लांच राकेट बना रहा है।