ISRO के इतिहास में जुड़ेगा ‘एक नया अध्याय’!

Edited By ,Updated: 19 Apr, 2017 06:19 PM

isro set for 1st developmental flight of game changer rocket

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस किरण कुमार ने कहा कि संगठन अगले महीने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष

हैदराबाद: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस किरण कुमार ने कहा कि संगठन अगले महीने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से चार टन श्रेणी के उपग्रह प्रक्षेपित करने की क्षमता वाले रॉकेट की पहली विकास उड़ान के लिए तैयार है जिससे इसरो के इतिहास में ‘एक नया अध्याय जुड़ेगा।’ इसरो के रॉकेटों (प्रक्षेपण यान) में इस समय 2.2 टन तक के उपग्रह प्रक्षेपित करने की क्षमता है और यह उससे ज्यादा वजन के उपग्रहों को कक्षा में पहुंचाने के लिए विदेशी प्रक्षेपण यानों पर निर्भर है। किरण कुमार ने कहा, ‘अगले महीने हमने जीएसएलवी-एमके 3-डी1 का प्रक्षेपण निर्धरित किया है।’ 

इसरो की एक साल के भीतर दूसरी विकास उड़ान की योजना है। उन्होंने कहा, ‘जब तक दो विकास उड़ानें पूरी हो जाएंगी, हम और प्रक्षेपणों की दिशा में काम करेंगे ताकि यह (जीएसएलवी-एमके 3) काम करना शुरू कर दे।’ किरण कुमार ने कहा कि इसरो का मानना है कि इस रॉकेट के काम शुरू करने से उसके इतिहास में ‘एक नया अध्याय’ जुड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘एक बार हम अपनी चार टन की क्षमता का निर्माण कर लें तो हम बाहर से अपने प्रक्षेपण को काफी कम करने में सक्षम हो जाएंगे। हम चार टन की क्षमता के भीतर उपग्रहों के निर्माण पर भी ध्यान दे रहे हैं ताकि आप देश के भीतर सारे प्रक्षेपण कर सकें।’ जीएसएलवी-एमके 3 डी-1 प्रक्षेपण यान में जीसैट-19 उपग्रह ले जाए जा सकेंंगे जिनका वजन 3,200 किलोग्राम है।

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