Edited By ,Updated: 28 Aug, 2016 01:11 PM
भारत ने आज सुबह स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण करते हुए इतिहास रच दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'यह मिशन सफल रहा और इस दौरान दो स्क्रैमजेट इंजनों का परीक्षण किया गया।
चेन्नई: भारत ने आज सुबह स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण करते हुए इतिहास रच दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'यह मिशन सफल रहा और इस दौरान दो स्क्रैमजेट इंजनों का परीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि इस परीक्षण को लेकर अंतिम जानकारी बाद में साझा की जाएगी। उन्होंने बताया कि तय समयानुसार दो स्टेज/इंजन आरएच-560 साउंडिंग रॉकेट ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से उड़ान भरी और इन इंजनों का सिर्फ छह सेकंड के लिए ही परीक्षण किया गया।
स्क्रैमजेट इंजन का प्रयोग केवल रॉकेट के वायुमंडलीय चरण के दौरान होता है। इससे ईंधन में ऑक्सीडाइजर की मात्रा को कम करके प्रक्षेपण पर आने वाले खर्च में कटौती की जा सकेगी। इसका परीक्षण पहले 28 जुलाई को होना था लेकिन वायुसेना के मालवाहन विमान एएच-32 के गत 22 जुलाई के लापता होने के बाद उसकी तलाश में इसरो के जुट जाने के कारण परीक्षण स्थगित कर दिया गया था। तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने स्क्रैमजेट इंजनों को विकसित किया है, जिसका इस्तेमाल आर एच -560 रॉकेट के लिए हो सकता है।
यह इंजन देश का पहला पुन: इस्तेमाल किए जाने वाले प्रक्षेपण यान के निर्माण की इसरो की योजना का एक हिस्सा है। परीक्षण के दौरान इंजन को दो चरणों के आरएच-560 साउंडिंग रॉकेट में लगाया जाएगा और कंवेशनल इंजन के माध्यम से इसे 70 किलोमीटर की ऊंचाई पर प्रक्षेपित किया जाएगा। आर एच का मतलब है रोहिणी क्लास साउंडिंग रॉकेट और 560 इसके व्यास (मिलीमीटर में) का द्योतक है।
राष्ट्रपति ने दी बधाई
इस परीक्षण के बाद आईएसआरओ के चेयरमैन ने इसे एक बड़ी कामयाबी बताई। सफल परीक्षण के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने ट्वीट कर आईएसआरओ को बधाई दी।