यह कहना जल्दबाजी होगा कि GDP में गिरावट का दौर बीत चुका है: मनमोहन सिंह

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 07:13 PM

it is urgent to say that the period of decline in the growth rate has passed

मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के बाद कतारों में खड़े होने से 100 लोगों की मौतों का जिक्र कहते हुए इस पर दुख जताया। उन्होंने कहा, ''मैं बहुत दुख के साथ और पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं कि 8 नवंबर भारतीय लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था के लिए काला दिवस था।'' इससे...

सूरतः पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का स्वागत किया है लेकिन साथ ही सावधान भी किया कि पिछली पांच तिमाहियों में देखा गया गिरावट का दौर पलट गया है, ऐसा कहना अभी जल्दबाजी होगा। मनमोहन सिंह ने यह भी कहा इस दर पर नरेंद्र मोदी सरकार के लिए संप्रग सरकार के दस साल के शासन की औसत वृद्धि दर की बराबरी कर पाना भी संभव नहीं होगा। शनिवार को गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए सूरत पहुंचे पूर्व पीएम ने नोटबंदी का मुद्दा भी दोहराया और नोटबंदी को एक संगठित लूट करार दिया। 

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने ठीक से आकलन नहीं किया
यहां व्यापारियों के साथ एक बातचीत में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही है। यह स्वागतयोग्य है लेकिन यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि पिछली पांच तिमाहियों में देखा गया गिरावट का दौर बीत गया है।’’ उन्होंने कहा,‘‘कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने नोटबंदी और जीएसटी के अनौपचारिक क्षेत्र पर पड़े प्रभाव का ठीक से आकलन नहीं किया है। यह क्षेत्र देश की अर्थव्यव्स्था का करीब 30 प्रतिशत 
हिस्सा है।’’  राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के पूर्व चेयरमैन प्रणव सेन और अर्थशास्त्री एम. गोविंद राव का हवाला देते हुए सिंह ने कहा, ‘‘जीडीपी की वृद्धि के बारे में अभी भी महत्वपूर्ण अनिश्चिताएं हैं। भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि 2017-18 में अर्थव्यवस्था 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर से रफ्तार पकड़ेगी। यदि 2017-18 में यह दर 6.7 प्रतिशत होती भी है तो मोदी जी के चार साल के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर मात्र 7.1 प्रतिशत रहेगी।’’  

यूपीए के कार्यकाल की जीडीपी तक पहुंच पाएगी मोदी सरकार
पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि मोदी सरकार पिछली संप्रग सरकार के 10 साल के शासन की औसत वृद्धि दर की बराबरी करने में भी समर्थ नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि बराबरी के लिए मोदी सरकार के अंतिम वर्ष में वृद्धि दर 10.6 प्रतिशत रहेगी। उन्होंने कहा,‘ऐसा होता है तो मुझे खुशी होगी। पर स्पष्ट कहें तो मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकेगा।’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि जीडीपी में एक प्रतिशत का नुकसान देश का 1.5 लाख करोड़ रूपए का नुकसान है। जिस नौजवान की नौकरी जाती है, जिस दुकानदार का कारोबार बंद होता है। जो कंपनी बंद होती और जो उद्यमी कारोबार से बाहर हो जाता है उसके लिए वह भारी निराशा की बात होती है। 

नोटबंदी लागू होने के बाद मारे गए लोगों के लिए जताया दुख
इस दौरान नोटबंदी को लेकर एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार की आलोचना की। मनमोहन सिंह ने 8 नवंबर को काला दिवस बताया।
उन्होंने नोटबंदी के बाद कतारों में खड़े होने से 100 लोगों की मौतों का जिक्र कहते हुए इस पर दुख जताया और कहा, 'मैं बहुत दुख के साथ और पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं कि 8 नवंबर भारतीय लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था के लिए काला दिवस था।' इससे पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने नोटबंदी की पहली सालगिरह पर नोटबंदी को सरकार की सबसे बड़ी भूल करार दिया। 
 

 

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