Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 09:50 AM
जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और लश्कर-ए-तोयबा अध्यक्ष हाफिज सईद ने 2001 में ओसामा बिन लाडेन व अल कायदा के कई नेताओं की अफगानिस्तान की सीमा पार कर पाकिस्तान में दाखिल होने के अलावा उन्हें कराची और एबटाबाद जैसे शहरों में बसने में मदद की थी।
नई दिल्ली: जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और लश्कर-ए-तोयबा अध्यक्ष हाफिज सईद ने 2001 में ओसामा बिन लाडेन व अल कायदा के कई नेताओं की अफगानिस्तान की सीमा पार कर पाकिस्तान में दाखिल होने के अलावा उन्हें कराची और एबटाबाद जैसे शहरों में बसने में मदद की थी। मसूद अजहर एक खूंखार आतंकवादी है और भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कई वर्षों से मांग कर रहा है कि उसे आतंकवादी घोषित किया जाए मगर चीन वैश्विक संस्था में भारत की इस मांग का विरोध कर रहा है। 2011 में लाडेन एबटाबाद में अमरीकी कार्रवाई में मारा गया था। इसका खुलासा ब्रिटिश खोजी पत्रकार द्वारा लिखित एक नई पुस्तक में किया गया।
कैथी स्काट और एंडन लेवी की पुस्तक ‘द एक्साइल’ का विमोचन 29 मई को भारत में हुआ। यह पुस्तक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान की अदालत सोमवार को हाफिज सईद की मौजूदा नजरबंदी की वैधता पर फैसला देगी। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय टास्क फोर्स भी 18 से 23 जून तक स्पेन में शुरू हुए सत्र में आतंकवाद पर पाकिस्तानी की कार्रवाई की समीक्षा कर रही है। इसी दौरान भारत मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने के संबंध में चीन के फैसले की प्रतीक्षा कर रहा है।