Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 06:13 PM
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय बैंकों की वास्तविक स्थिति को छिपा कर रखा गया। हमने बैंकों की असेट की समीक्षा की और तब पता चला कि जितना एनपीए बताया गया है, उससे कहीं अधिक एनपीए है। ऐसे में हमने यह पहल की कि किस प्रकार से इनसे पैसा वसूला जाए
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरूण जेतली ने बैंकों के एनपीए को यूपीए सरकार से विरासत में मिला विषय करार दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार के दौरान नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) का पुनर्गठन किया जाता रहा लेकिन बैंकों के एनपीए को छिपा कर रखा गया। इस तरह से देश की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया गया।
इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी (अमेंडमेंट) कोड 2017 पर चर्चा का जवाब देते हुए जेतली ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद जब बैंकों की असेट ऑडिट हुआ तब यह बात सामने आई कि जिसे परफॉर्मेंस करने वाली असेट बताया जा रहा था, वह वास्तव में नॉन परफॉर्मिंग असेट थी।
एनपीए के बारे में कांग्रेस सदस्यों के आरोपों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए जेतली ने कहा कि आप जो आरोप लगा रहे हैं, वह वास्तव में आपके समय में छिपाए गए एनपीए थे, जो अब बाहर आ गए हैं। ये आपके ही पाप हैं जिन्हें हम धोने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे लिए एनपीए विरासत में मिला विषय है। उन्होंने कहा कि आपके समय में नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) का पुनर्गठन किया जाता रहा, बैंकों के एनपीए को छिपा कर रखा गया और इस तरह से देश की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय बैंकों की वास्तविक स्थिति को छिपा कर रखा गया। हमने बैंकों की असेट की समीक्षा की और तब पता चला कि जितना एनपीए बताया गया है, उससे कहीं अधिक एनपीए है। ऐसे में हमने यह पहल की कि किस प्रकार से इनसे पैसा वसूला जाए।
इस विधेयक के माध्यम से कमियों को दूर करने पर बल दिया गया है ताकि जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले बकाएदार खुद की असेट की बोली नहीं लगा सकें। प्रस्तावित परिवर्तनों से तनावग्रस्त असेट के लिए खरीदारों का चयन करने की प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद मिलेगी।