JNU में बवाल, 75 फीसद अटेंडेंस के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 12:07 PM

jnu  pramod kumar jagdish kumar

कक्षा में उपस्थिति अनिवार्य करने के मुद्दे पर कुलपति के साथ बैठक की मांग कर रहे जेएनयू छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक का ‘‘घेराव’’ किया और रेक्टर ङ्क्षचतामणि महापात्र एवं रेक्टर राणा प्रताप सिंह को भवन से जाने से रोका।  बहरहाल, इस तरह...

नई दिल्ली: कक्षा में उपस्थिति अनिवार्य करने के मुद्दे पर कुलपति के साथ बैठक की मांग कर रहे जेएनयू छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक का ‘‘घेराव’’ किया और रेक्टर ङ्क्षचतामणि महापात्र एवं रेक्टर राणा प्रताप सिंह को भवन से जाने से रोका।  बहरहाल, इस तरह की खबर आयी कि महापात्र को ‘‘तुरंत चिकित्सकीय उपचार की जरूरत’’ है, इसी बीच रात 11 बजे एक एंबुलेंस के आने के बाद दोनों रेक्टर किसी तरह भवन से निकल सके।  अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि सिंह और महापात्र को कहां ले जाया गया।  इससे पहले दिन में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के नेतृत्व में सैकड़ों छात्रों ने भवन के सभी द्वार के बाहर धरना दिया और बाहर जाने की कोशिश कर रहे विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को रोककर विरोध जताया।  कुलपति एम जगदीश कुमार अपने कार्यालय में थे। 

इससे पहले एक बयान में रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने कहा था कि महापात्र की तबियत ठीक नहीं है और उन्होंने छात्रों से हटने के लिए कहा था।  ये सभी छात्र, विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रवृत्ति एवं फेलोशिप के लिये एक अकादमिक सत्र के दौरान आवश्यक 75 प्रतिशत की उपस्थिति अनिवार्य करने के इसके फैसले को बदलने और अनिश्चित काल तक के लिए रद्द की गई अकादमिक परिषद की बैठक आयोजित करने की मांग कर रहे थे। पूर्वाह्न 11 बजे से छात्रों के एक समूह ने नाटक एवं मूक अभिनय किया तथा प्रशासनिक ब्लॉक के मुख्य द्वार के पास गीत भी गाये। छात्रों को भवन में घुसने से रोकने के लिये सुरक्षा गार्ड तैनात किये गये थे। इस दौरान छात्रों ने भवन के पास मानव श्रृंखला भी बनाई। छात्रों ने करीब दो घंटे तक मुख्य प्रॉक्टर कौशल कुमार का घेराव किया था।

 कुमार ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमलोग बस यूजीसी के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं ना कि जेएनयू के दिशानिर्देशों का। छात्रों को प्रदर्शन करने का अधिकार है क्योंकि छात्रों का मानना है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। उपस्थिति अनिवार्य करने के बारे में किसी से भी पूछिए तो वे यही कहेंगे कि यह जरूरी है। उपस्थिति पर फैसला अकादमिक परिषद में बहुमत से पारित हुआ था।’’  सुबह प्रशासन को लिखे पत्र में जेएनयूएसयू ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय के छात्र जेएनयूएसयू के प्रतिनिधियों की कुलपति से बातचीत का इंतजार कर रहे हैं।’’ 

 जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव शुभांशु सिंह ने कहा, ‘‘प्रशासनिक भवन की घेराबंदी का कोई आह्वान नहीं किया गया है और प्रशासनिक कार्य बिना किसी बाधा के जारी है।’’ जेएनयूएसयू की अध्यक्ष गीता कुमारी ने कहा, ‘‘जब तक कुलपति छात्रों से नहीं मिल लेते और हमारी मांगें मान नहीं ली जातीं तब तक घेराव जारी रहेगा।’’ छात्रों द्वारा वहां से जाने से रोके जाने के बाद रेक्टर-1 महापात्रा ने कहा कि वह व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर इस मामले पर कोई फैसला नहीं ले सकते और इसके लिये छात्रों के साथ बातचीत होगी।

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