Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jan, 2018 02:59 PM
रिटायर जस्टिस आर एस सोढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कांफ्रेंस करने को गलत करार दिया। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है चारों जजों पर महाभियोग चलाया जाना चाहिए। इनके पास बैठकर बयानबाजी के अलावा कोई काम नहीं बचा। लोकतंत्र खतरे में है तो संसद...
नई दिल्ली: रिटायर जस्टिस आर एस सोढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कांफ्रेंस करने को गलत करार दिया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है चारों जजों पर महाभियोग चलाया जाना चाहिए। इनके पास बैठकर बयानबाजी के अलावा कोई काम नहीं बचा। लोकतंत्र खतरे में है तो संसद है, पुलिस प्रशासन है। यह उनका काम नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इन चारों जजों को अब वहां बैठने का अधिकार नहीं है।
चारों पर महाभियोग चलाया जाए
उन्होंने कहा कि मैं यह सब देखकर काफी दुखी हूं। हमारे बीच कई बार मतभेद हुए, लेकिन यह प्रेस के बीच कभी नहीं आया। यह भयावह है। क्या हम सही और गलत के लिए जनमत संग्रह करवाएंगे? वे सभी देश के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ जज हैं। ये चार या कोई और चार लोकतंत्र को नष्ट नहीं कर सकते। यह अपरिपक्व व्यवहार है। इन चारों पर महाभियोग चलाकर घर भेज देना चाहिए। वे सुप्रीम कोर्ट में ट्रेड यूनियन जैसा सिस्टम बनाना चाहते हैं।
पहली बार SC के जजों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
आपको बतां दे कि देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर लोगों से अपील करते हुए कहा है कि लोकतंत्र को बचाना है तो इस संस्था की रक्षा करें। एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों ने शीर्ष अदालत की प्रशासकीय खामियों से आज राष्ट्र को आज अवगत कराया। दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्ती चेलमेश्वर ने सुनवाई छोड़ दी और अपने तुगलक रोड स्थित आवास पर प्रेस कांफ्रेंस बुलायी। इसमें तीन अन्य न्यायाधीश -न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ भी शामिल हुए।