Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 05:12 AM
कनाडा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री उज्जल दोसांज ने कहा है कि कनाडा के राजनेता खालिस्तान समर्थकों के मुद्दे पर भारत की संवेदनशीलता को समझने में नाकाम रहे हैं। उनका यह बयान कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के भारत दौरे के समय आया है, जब उन पर खालिस्तान...
नेशनल डेस्क: कनाडा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री उज्जल दोसांज ने कहा है कि कनाडा के राजनेता खालिस्तान समर्थकों के मुद्दे पर भारत की संवेदनशीलता को समझने में नाकाम रहे हैं। उनका यह बयान कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के भारत दौरे के समय आया है, जब उन पर खालिस्तान समर्थक लोगों से मिलने के आरोप लगे हैं।
नहीं होगा दूसरा बटवारा
दोसांज ने कहा, 'भारत खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर बहुत संवेदनशील है। क्योंकि 1947 में देश का बंटवारा हुआ था और उस समय 1.4 करोड़ लोग मारे गए थे। भारतीय किसी भी हालत में अब दूसरा बंटवारा नहीं होने देंगे।' दोसांज ने भारत सरकार को भी इस मुद्दे को ठोस तरीके से कनाडा सरकार के सामने न रखने के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अगर कनाडा भारत के साथ मधुर संबंध बनाए रखना चाहता है, तो उसे अलगाववादियों को महिमामंडित करने से बचना होगा।
अटवाल को निमंत्रण देना पड़ा भारी
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 7 दिनों की भारत दौरे पर थे। कनाडा के पीएम के लिए आयोजित डिनर पार्टी में भारतीय मंत्री पर जानलेवा हमले के दोषी को आमंत्रित किया गया था। बीते गुरुवार को इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली में कनाडा के हाई कमीशन ने कराया, जहां पर सिख अलगाववादी जसपाल अटवाल को बतौर मेहमान न्योता भेजा गया था। बाद में कनाडाई पीएमओ की ओर से पत्रकार को दिए गए जवाब में साफ किया गया कि अटवाल को निमंत्रण रद कर दिया गया है। गौरतलब है कि अटवाल ने साल 1986 में भारतीय कैबिनेट मंत्री मलकीत सिंह सिद्धू पर वैंकुअर के द्वीप पर हमला किया था। आतंकी घोषित किए जा चुके खालिस्तानी जसपाल अटवाल जो प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय सिख युवा संघ में सक्रिय है ने कथित रुप से कनाडाई प्रधानमंत्री से मुंबई में मुलाकात की। बताया जाता है कि जसपाल अटवाल ने जस्टिन ट्रूडो की पत्नी सोफी ट्रूडो से 20 फरवरी को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में मुलाकात की। उसने इस दौरान सोफी के साथ फोटो के लिए पोज भी दिए।