Edited By ,Updated: 06 Mar, 2017 02:29 PM
संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर उनसे मारपीट करने वाले संगठन करणी सेना एक बार फिर विवादों में हैं।
जयपुर: संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर उनसे मारपीट करने वाले संगठन करणी सेना एक बार फिर विवादों में हैं। राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ स्थित मशहूर पद्मिनी महल में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने महल में लगे शीशे तोड़ दिए। दरअसल महल में लगे आईने, अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी की कहानी का हिस्सा बताए जाते हैं। इस बात से नाराज करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने आईनों को फोड़ डाला। टूरिस्ट गाइड्स, इन आईनों को पर्यटकों को खिलजी-पद्मिनी के प्रेम प्रसंग के सबूत के तौर पर दिखाते हैं। कहा जाता था कि इन आईनों में ही खिलजी को पद्मिनी की सूरत दिखाई गई थी। आईनों के साथ की गई तोड़-फोड़ की जिम्मेदारी करणी सेना ने कबूल की है।
आईने हटाने की दी गई थी चेतावनी
करणी सेना का दावा है कि यह बात झूठ है कि रानी का चेहरा राजा को इन आईनों के जरिए दिखाया गया था। कार्यकर्ताओं के दावे के मुताबिक उस समय आईने नहीं हुआ करते थे। सेना के कार्यकर्ता टूरिस्ट बनकर महल में घुसे थे। इसके अलावा सेना के कार्यकर्ता सहदेव सिंह नारेला की ओर से कहा गया कि कुछ समय पहले पुरातत्व विभाग को आईने हटाने के लिए लिखित चेतावनी दी गई थी।
गौरतलब है कि फिल्म पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच दिखाए गए कथित प्रेम कहानी को लेकर फिल्मकार संजय लीला भंसाली के साथ मारपीट हुई थी। वहीं पुरातत्व विभाग से जब इस मामले पर जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं कि आईने किसने तोड़े। फोर्ट के केयरटेकर प्रेमचंद शर्मा के मुताबिक विभाग की ओर से कोतवाली थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है।