जल्द विदेश जा सकेंगे कार्ति चिदंबरम, शीर्ष अदालत ने दिए संकेत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Nov, 2017 11:41 PM

karti chidambaram  top court will soon be able to go abroad

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, ''कार्ति चिदंबरम को चार पांच दिन के लिए विदेश जाने की अनुमति देने के बारे में निर्देश प्राप्त कर लें

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो को निर्देश दिया कि वह पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को कुछ दिन के लिए विदेश जाने की अनुमति देने के बारे में अपने रुख से उसे अवगत कराए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, 'कार्ति चिदंबरम को चार पांच दिन के लिए विदेश जाने की अनुमति देने के बारे में निर्देश प्राप्त कर लें।’ पीठ ने कार्ति के खिलाफ जांच ब्यूरो द्वारा सीलबंद लिफाफे में पेश दस्तावेजों की निगरानी करके टिप्पणी की कि कानूनी कार्यवाही करने वाली एजेंसी को मुलजिम के पिछले आचरण को देखते हुए शिकायत थी।

सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट ने जिन दस्तावेज की जांच की है वे केस डायरी का हिस्सा हैं और उन्हें कार्ति के साथ साझा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कार्ति, जिन्होंने जून जुलाई में अपनी विदेश यात्रा के दौरान अपने बैंक खाते बंद कर दिये थे, के पिछले आचरण से ही आशंकाएं पैदा हुई हैं। पीठ ने मेहता से सवाल किया कि जांच एजेंसी कार्ति चिंदबरम से पूछताछ क्यों नहीं कर रही है यदि उन्हें इन बातों की जानकारी है। इस पर मेहता ने जवाब दिया कि यह जांच एजेंसी पर निर्भर करता है और आरोप पत्र दाखिल होने तक जांच एजेंसी मामले के साक्ष्य और जांच पूरी करने की समय सीमा नहीं बता सकती है।

उन्होंने कहा कि कार्ति के पहले के आचरण और उसका विदेश जाने के लिए बार-बार अनुरोध, वास्तव में स्तब्ध करने वाला है और जांच एजेंसी उन्हें विदेश जाने की अनुमति नहीं देने का आग्रह करके पूरी तरह न्यायोचित होगी। उन्होंने कहा, ‘यह आशंका कुछ निराधार कारणों पर आधारित नहीं हैं। इस बारे में समुचित साक्ष्य और सामग्री है.’ इस पर , पीठ ने सुझाव दिया कि जांच एजेंसी को कार्ति से अभी पूछताछ करनी चाहिए और उन्हें कुछ शर्तों के साथ चार पांच दिन के लिए विदेश जाने देना चाहिए।

कार्ति की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि यही भय था जिसके लिए वह जोर देकर कह रहे थे कि कोर्ट को जांच एजेंसी के दस्तावेज नहीं देखने चाहिए क्योंकि ये न्यायाधीशों को प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी के दस्तावेजों की प्रति उन्हें नहीं दी गई है और वह इनके बगैर बहस नहीं कर सकते हैं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!