दिल्‍ली 'बेहाल', PM मोदी की योजनाओं को केजरीवाल सरकार की ना

Edited By ,Updated: 28 Oct, 2016 12:23 PM

kejriwal government says no to modi initiatives  halts delhi development

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्‍व वाली दिल्‍ली सरकार के बीच राजनीतिक खींचतान का खामियाजा दिल्‍ली को भुगतना पड़ रहा है।

नई दिल्‍लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्‍व वाली दिल्‍ली सरकार के बीच राजनीतिक खींचतान का खामियाजा दिल्‍ली को भुगतना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार की कई महत्‍वपूर्ण योजनाएं दिल्‍ली में लागू नहीं हो पा रही हैं, जिनमें शहरी विकास से जुड़ी कई योजनाएं हैं, इनमें स्‍वच्‍छ भारत मिशन, अटल मिशन फॉर रिजूवेनेशन ऐंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT) और हाउसिंग फॉर ऑल (प्रधानमंत्री आवास योजना) प्रमुख हैं।

स्‍वच्‍छ भारत मिशन से दूरी
आंकड़ों से स्पषट है कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत पिछले 2 साल के दौरान दिल्‍ली ने किसी भी घर में टॉइलट नहीं बनवाया। हालांकि, स्‍वच्‍छता मिशन के तहत 2019 तक दिल्‍ली के 1.25 लाख घरों में टॉइलट बनाने का टारगेट है। इसके अलावा कम्‍युनिटी और पब्लिक टॉइलट्स के तहत शहर में सिर्फ 7,088 टॉइलट्स बनाए गए हैं जबकि टारगेट 19,559 टॉइलट्स का था।

विकास के मामले में पिछड़ रही दिल्ली
शहरी विकास मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी काकहना है कि इन टारगेट्स को मंत्रालय की ओर से एकतरफा तरीके से सेट नहीं किया गया था। ये टारगेट्स दिल्‍ली सरकार द्वारा शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत के जरिए सेट किए गए थे। दिल्‍ली जिन विकास योजनाओं के मामले में पिछड़ रही है, उनमें AMRUT भी प्रमुख है। इस योजना के तहत देशभर के 500 शहरों में शहरी नवीनीकरण पर विचार किया गया है। वित्‍त वर्ष 2015-16 में दिल्‍ली ने वित्‍त वर्ष के आखिरी महीने मार्च में अपना सालाना ऐक्‍शन प्‍लान अप्रूवल के लिए मंत्रालय को भेजा था। 

4 रिमाइंडर के बाद समिट किया प्लान
इसके इलावा इस वित्‍त वर्ष में भी अपना प्‍लान भेजने वाला दिल्‍ली आखिरी राज्‍य था। खास बात यह है कि मंत्रालय द्वारा कम से कम चार रिमांइडर भेजे जाने के बाद दिल्‍ली ने अपना प्‍लान समिट किया। सूत्रों के मुताबिक, इस प्‍लान को स्‍वीकार नहीं किया जा सकता था क्‍योंकि दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली राज्‍य स्‍तर की उच्‍च स्‍तरीय कमिटी ने इसे अप्रूव नहीं किया था। 

दिल्‍ली सरकार ने नहीं भेजा एक भी प्रस्‍ताव 
अभी तक मंत्रालय ने 25 हजार करोड़ रुपए के पानी आपूर्ति और सीवेज संबंधी प्रस्‍तावों को मंजूरी दी है। दिल्‍ली सरकार से इस बारे में कई बार बात करने की कोशिश की गई लेकिन उसने कॉमेंट करने से इंकार कर दिया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिल्‍ली सरकार ने अभी तक एक भी प्रस्‍ताव नहीं भेजा है। आवास और शहरी गरीबी उन्‍मूलन मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस प्रोग्राम को गैर बीजेपी राज्‍य भी अपने यहां लागू कर चुके हैं।

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