माफी मामलाः पंजाब के 10 विधायक ही मिले केजरीवाल से, बोले-गलतफहमी हुई दूर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 09:50 AM

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पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने को लेकर आलोचना का सामना कर रही आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी पंजाब इकाई में किसी तरह की टूट को रोकने के लिए रविवार को राज्य के अपने विधायकों को शांत करने की...

नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने को लेकर आलोचना का सामना कर रही आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी पंजाब इकाई में किसी तरह की टूट को रोकने के लिए रविवार को राज्य के अपने विधायकों को शांत करने की कोशिश की। ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मजीठिया पर मादक पदार्थों के कारोबार में संलिप्त होने का आरोप लगाने को लेकर अकाली नेता को माफी पत्र लिखा जिससे हर कोई, खासकर ‘आप’ की पंजाब इकाई हैरान है। पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष भगवंत मान और सह अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने केजरीवाल की माफी के विरोध में अपने पदों से हाल में इस्तीफा दे दिया। पंजाब में पार्टी के 20 विधायकों में से 10 प्रदेश इकाई के नेताओं के साथ दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया से यहां उनके घर पर मिले।

बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे। समझा जाता है कि केजरीवाल ने उन्हें मजीठिया से माफी मांगने को लेकर स्पष्टीकरण दिया। पार्टी सूत्रों ने अनुसार, माना जाता है कि बैठक में मौजूद‘ आप’ विधायक केजरीवाल के स्पष्टीकरण से संतुष्ट हो गए। हालांकि, बैठक में असंतुष्ट विधायकों में से आधे ही मौजूद थे, बाकी विधायक अब भी पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं। सूत्रों ने कहा, ‘‘बहरहाल इस समय पंजाब में पार्टी के टूटने की संभावना खारिज की जाती है। एक अलग समूह का गठन करने या पार्टी के बंटवारे के लिए 20 ‘आप’ विधायकों में से दो-तिहाई की मंजूरी की जरूरत होगी।’’ बैठक में हिस्सा लेने वाले ‘आप’ के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि कुछ ‘‘गलतफहमी’’ थी।

उन्होंने दो घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘उनके (केजरीवाल के) खिलाफ देश के कई हिस्सों में कई मामले चल रहे हैं, इस वजह से उन्होंने माफी मांगी। उनमें से कुछ फास्ट ट्रैक अदालतों में चल रहे हैं।’’ अरोड़ा ने कहा कि बैठक में मौजूद विधायक केजरीवाल के स्पष्टीकरण से संतुष्ट हो गए क्योंकि कानूनी लड़ाई से संसाधनों के लिहाज से उनका एवं पार्टी का नुकसान हो रहा था। उन्होंने कहा कि इससे पार्टी प्रमुख का काफी समय भी बर्बाद हो रहा था जिसका दिल्ली में शासन पर ध्यान देने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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