आप पर संकटः एक हजार पेज से अधिक की रिपोर्ट ने बिगाड़ा खेल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 12:22 PM

kk sharma aam aadmi party election commission

तत्कालीन मुख्य सचिव के.के.शर्मा ने संसदीय सचिव बनाए गए आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों के बारे में प्रत्येक विभाग से उनके कामकाज की तथ्यपूर्ण जानकारी एकत्र कर चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजी थी। इसमें साफ किया गया कि 13 मार्च 2015 को संसदीय सचिव बनाए गए आप...

नई दिल्ली: तत्कालीन मुख्य सचिव के.के.शर्मा ने संसदीय सचिव बनाए गए आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों के बारे में प्रत्येक विभाग से उनके कामकाज की तथ्यपूर्ण जानकारी एकत्र कर चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजी थी। इसमें साफ किया गया कि 13 मार्च 2015 को संसदीय सचिव बनाए गए आप के 21 विधायक 8 सितंबर 2016 तक सरकारी लाभ लेते रहे। यही रिपोर्ट आप विधायकों के गले की हड्डी बन गई। 

सीधे तौर पर इस रिपोर्ट ने पूरे मामले के निर्णय में सर्वाधिक ठोस भूमिका अदा की है। हालांकि संसदीय सचिव बनाए गए आप विधायकों का कहना था कि उन्होंने संसदीय सचिव के रूप में सरकार से एक पाई भी नहीं ली है। बता दें कि चुनाव आयोग ने जरनैल सिंह के खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी थी क्योंकि उन्होंने पंजाब विधानसभा का चुनाव लडऩे के लिए राजौरी गार्डन के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। 

चुनाव आयोग में रिपोर्ट दाखिल होने के पहले आयोग ने 24 जून को मुख्य सचिव को पत्र भेजकर संसदीय सचिवों से जुड़े 11 बिंदुओं पर जवाब मांगा था। लेकिन जवाब में कई बिंदुओं की आधी-अधूरी जानकारी दी गई थी और इस पर आयोग ने सख्त रूख अख्तियार किया था। आयोग ने तत्कालीन मुख्य सचिव केके शर्मा को भेजे गए नोटिस में कहा कि आयोग को सही तथ्यात्मक जानकारी दी जाए। इससे हरकत में आए पूर्व मुख्य सचिव ने प्रधान सचिवों,सचिवों व विभाग प्रमुखों को सारे काम छोड़ संसदीय सचिवों के कामकाज की जानकारी एकत्र करने में लगा दिया था। 

मुख्यमंत्री और मंत्रियों की बैठकों की मिनट्स की कॉपी से लेकर फाइलें खंगाली गई और एक हजार से अधिक पेज की रिपोर्ट तथ्यपूर्ण जानकारी के साथ आयोग को सौंपी गई। मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग में लाभ का पद का उपयोग करने का मामला विधायकों के विपरीत चला गया। 

मुख्य सचिव की रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु 
-सरिता सिंह,जरनैल सिंह,संजीव झा व नरेश यादव के लिए दिल्ली सचिवालय में 4 केबिन बनाने पर लोक निर्माण विभाग ने 3,73,871 रू. खर्च किए गए। 
-विधानसभा में संसदीय सचिवों के लिए 21 दफ्तर बनाने पर 11,75,828 रूपए खर्च किए गए। 
-मुम्बई के आईटी कांफें्रस में भाग लेने के लिए सरकार ने 15479 रूपए की राशि आदर्श शास्त्री को जारी की। 
-शहरी विकास मंत्री की गैर-मौजूदगी में जरनैल सिंह ने शहरी विकास विभाग की बैठक की अध्यक्षता की। 
-उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में होने वाली शिक्षा 
विभाग की बैठक में प्रवीण कुमार ने भाग लिया। 
-खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की मीटिंग में मनोज कुमार भी मौजूद थे। 
-सभी संसदीय सचिव सरकारी बैठकों में भी हिस्सा लेते थे। 
-व्यापार कर विभाग की बैठक में शिव चरण गोयल शामिल हुए। 
-अलका लांबा को सीपीओ भवन में दो कमरे व अरूणा आसफ  अली अस्पताल में एक कमरा उपलब्ध कराया गया।
-राजधानी में स्ट्रीट लाइट लगाने संबंधी बैठक में सोमदत्त,राजेश गुप्ता व सुखबीर दलाल शामिल हुए। 
-जल बोर्ड में शरद चौहान,आदर्श शास्त्री,मदनलाल,सरिता सिंह व नरेश यादव आदि को कमरे उपलब्ध कराए गए।

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