जानिए क्यों भाजपा के लिए ‘परफेक्ट’ हैं वेंकैया नायडू

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 11:05 AM

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उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्ष ने गोपाल कृष्ण गांधी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्ष ने गोपाल कृष्ण गांधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। उसके बाद यह सवाल सभी के मन में था कि आखिर भाजपा अपना उम्मीदवार किसे चुनेगी। कयास यह भी लगाए जा रहे थे कि भाजपा दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश के तहत बड़ा सियासी दांव खेल सकती है। आखिरकार भाजपा ने दक्षिण पर दांव लगी ही लिया और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के नाम पर मोहर लगा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बाद वैंकेया ही सबसे सीनियर मंत्री हैं। भाजपा के अनुसार नायडू राज्यसभा में कम संख्या होने के बावजूद भी स्थिति को संभालने में प्रभावी साबित होंगे। पढि़ए एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के बारे में कुछ अहम बातें...
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आंदोलनकारी नेता के तौर पर जाने जाते हैं नायडू 
एम. वेंकैया नायडू का पूरा नाम मुप्पवरपु वेंकैया नायडू है। उनका जन्म 1 जुलाई, 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में चावटपलेम इलाके में हुआ। वह 4 बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं और भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं। उनकी पहचान हमेशा एक आंदोलनकारी नेता के तौर पर रही है। वह वर्ष 1972 में ‘जय आंध्र आंदोलन’ के दौरान पहली बार सुर्खियों में आए थे। इस दौरान उन्होंने नेल्लोर आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए विजयवाड़ा से आंदोलन का नेतृत्व किया। नायडू पहली बार राज्यसभा के लिए वर्ष 1998 में चुने गए थे इसके बाद से ही वर्ष 2004, 2010 और 2016 में वह राज्यसभा के सांसद बने। PunjabKesari

इमरजेंसी के दौरान गए थे जेल
इसके अलावा भी नायडू कई कमेटियों का हिस्सा रह चुके हैं। वह वर्ष 1975 के दौरान इमरजेंसी में जेल भी गए थे। वर्ष 1977 से 1980 के बीच जनता पार्टी के समय में वे यूथ विंग के प्रेसिडेंट भी रहे। वर्ष 1978 में वे विधायक भी चुने गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्होंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री के तौर पर काम किया। कुछ दिनों तक वे आंध्र प्रदेश के छात्र संगठन समिति के संयोजक भी रहे हैं।
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केंद्रीय कैबिनेट का जल्द हो सकता है विस्तार
नायडू वर्ष 1993 से 2000 तक भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बने। अप्रैल 2005 के बाद वे भाजपा के सीनियर उपाध्यक्ष बनाए गए, वर्ष 2006 के बाद वेंकैया को भाजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड का सदस्य और केंद्रीय चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया। उपराष्ट्रपति पद के लिए नायडू और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव के अलावा गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के नामों के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन नायडू का नाम इस पद के लिए घोषित किया गया। अब केंद्रीय कैबिनेट का जल्द ही विस्तार भी हो सकता है क्योंकि नायडू के पास दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी है। 

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