‘मीठी क्रांति’ के लिए KVIC और सेना ने थामा हाथ

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Mar, 2018 08:50 PM

kvic and army have given their hand for meethi kranti

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डेयरी उद्योग को शहद की खेती के जरिए देश में श्वेत और हरित क्रांति की तर्ज पर मीठी क्रांति लाने की अपील किए जाने के बाद खादी और ग्रामोद्योग आयोग (के.वी.आई.सी.) और भारतीय सेना ने इस मिशन को पूरा करने के लिए...

श्रीनगर : हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डेयरी उद्योग को शहद की खेती के जरिए देश में श्वेत और हरित क्रांति की तर्ज पर मीठी क्रांति लाने की अपील किए जाने के बाद खादी और ग्रामोद्योग आयोग (के.वी.आई.सी.) और भारतीय सेना ने इस मिशन को पूरा करने के लिए एक दूसरे का हाथ थामा। प्रधानमंत्री की ‘मीठी क्रांति’ के हिस्से के रुप में सेना ने ऑपरेशन सद्भावना के तहत के.वी.आई.सी. के साथ मिलकर सीमावर्ती कुपवाड़ा जिला के युवाओं को लिए बी-कीपिंग ट्रैनिंग कोर्स का आयोजन किया।

 

ट्रैनिंग कोर्स की अवधि सात दिनों की हैं जो जिला के द्रगमुल्ला इलाके में बेरोजगार युवाओं के लिए किया गया है। इस ट्रैनिंग कोर्स के लिए द्रगमुल्ला क्षेत्र के ग्रामीणों इलाकों के लगभग सौ उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया। ट्रैनिंग के बाद शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को उनकी आजीविका अर्जित करने के लिए मधुमक्खी कॉलोनियां दी जाएगी। 

अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ कार्यक्रम
ट्रैनिंग कोर्स का उद्घाटन आज के.वी.आई.सी. की उत्तरी क्षेत्र की अध्यक्ष डॉ हिना शफी भट्ट द्वारा किया गया। इस अवसर पर कर्नल विकास वर्मा कार्यवाहक कमांडर थंडरबोल्ट ब्रिगेड, अनिल कुमार शर्मा सहायक निदेशक / प्रिंसिपल पी.एम.टी.सी. के.वी.आई.सी., लेफ्टिनेंट केर्नल नितेश कुमार, मेजर अनुराग उपाध्याय, सरपंच और भारी मात्रा में स्थानीय लोग मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ हिना ने कहा कि सिर्फ  आह्वान करने से कुछ नहीं होता। किसी बड़ी क्रांति के मकसद को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। 

शहद उत्पादन में शामिल होने की अपील
 डा हिना ने युवाओं से कहा कि कश्मीर को शहद के उत्पादन में बढ़त हासिल है। इसलिए मैं प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं से अपील करती हूं कि वे शहद उत्पादन के लिए अपने खेतों में मधुमक्खी के छत्ते लगाएं और इससे उन्हें हर साल लाखों रुपये की कमाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन का कार्य स्थानीय लोग अगर अपनी फसल के पास करते हैं तो उत्पादन में 15-20 फीसद का इजाफा हो सकता है। मधुमक्खी पालन के जरिये किसान अपनी आय बढ़ाकर जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि के.वी.आई.सी. ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बेरोजगार युवाओं को मधुमक्खी पालन का व्यवसाय करने के लिए प्रेरित कर रहा है। 

सेना ने दिया हर संभव मद्द का वादा
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्नल विकास वर्मा कार्यवाहक कमांडर थंडरबोल्ट ब्रिगेड ने प्रशिक्षुओं को सेना की ओर से पूर्ण समर्थन और सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सेना स्थानीय लोगों के कल्याण के लिए वचनबद्ध हैं। ऑपरेशन सद्भावना के लिए सेना की ओर से जन-कल्याण कार्यों को किया जा रहा हैं। हम भी चाहते हैं कि स्थानीय लोग अपने दम पर आजीविका कमाने में कामयाब हो जाए। 

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