अदालत को राममंदिर पर सलाह देने से पहले भूूमि विवाद सुलझाना चाहिए: येचुरी

Edited By ,Updated: 21 Mar, 2017 03:45 PM

land dispute should be resolved before advising the court on ram temple

माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) ने अयोध्या में राम मंदिर बाबरी मस्जिद मुद्दे को अदालत से बाहर सुलझाने की उच्चतम न्यायालय की सलाह पर ।

नई दिल्ली: माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) ने अयोध्या में राम मंदिर बाबरी मस्जिद मुद्दे को अदालत से बाहर सुलझाने की उच्चतम न्यायालय की सलाह पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अदालत को यह सुझाव देने से पहले भूमि विवाद सुलझाना चाहिए था। येचुरी ने पत्रकारों से कहा कि इस विवाद को पहले भी सुलझाने के प्रयास किए गए लेकिन जब विवादास्पद जमीन को लेकर विचार-विमर्श से मामला नहीं सुलझा तब मामला अदालत में गया। इसलिए यह अदालत का दायित्व बनता है कि वह भूमि रिकार्ड के आधार पर जमीन का स्वामित्व तय करे, उसके बाद ही मंदिर विवाद को बातचीत से सुलझाया जाये।

उन्होंने कहा कि जब नरसिंह राव प्रधानमंत्री थे तब राष्ट्रपति ने इस मामले को उच्चतम न्यायालय में उल्लेख के साथ भेजा था तो अदालत ने यह कहकर इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया था कि उनका काम संविधान की रक्षा करना है, इसलिए वह इस बात का फैसला नहीं कर सकती कि अयोध्या में मंदिर था या मस्जिद। येचुरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे भाजपा का उद्देश्य समाज का ध्रुवीकरण करना है। उन्होंने भविष्य में उत्तर प्रदेश में गुजरात जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने की आशंका व्यक्त की। 

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