Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 May, 2017 05:06 PM
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्र ने कहा कि ‘न्याय संपर्क’ अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गरीब और हाशिए...
अहमदाबाद : उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्र ने कहा कि ‘न्याय संपर्क’ अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गरीब और हाशिए पर जिंदगी गुजारने वाले लोगों को न्याय मिले। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा गुजरात में समाज के कमजोर और हाशिए पर जिंदगी गुजारने वाले वर्गो के सदस्यों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलध कराने के लिए राज्य में बनाए गए कानूनी सहायता प्रतिष्ठान के उद्घाटन के लिए आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में इस सुविधा को ‘न्याय संपर्क’ का नाम दिया गया है जिसका उद्देश्य गरीबों और हाशिये पर जिंदगी गुजारने वाले व्यक्तियों के लिए न्याय सुनिश्चिित करना है। यह प्रतिष्ठान अपने पैनल के वकीलों के माध्यम से गरीब लोगों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना और राज्य की अदालतों में लंबित मामलों की स्थिति के बारे में जानकारी देना है।
गुजरात उच्च न्यायालय में आयोजित इस समारोह में न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि जब आप साहसी, नैतिकता पसंद और आध्यात्मिक होते हैं तो आप सामाजिक सेवा करने के लिए प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता प्रतिष्ठान भी एक सामाजिक सेवा है। इसका उद्देश्य गरीबों और हाशिये पर जिंदगी गुजारने वाले लोगों को न्याय दिलाना है। इस अवसर पर गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लोक अदालत के आयोजन जैसे कदम उठाने की पहल ने लंबित मामलों को कम करने में मदद की है।
न्यायमूर्ति रेड्डी ने कहा कि इस सेवा का अभी अधिकतम स्तर तक उपयोग किया जाना है लेकिन लोक अदालत के बारे में ग्रामीण इलाकों में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर राज्य के कानून एवं न्याय मंत्री प्रदीपसिंह जदेउा ने कहा कि सभी तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।