Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Aug, 2017 11:52 AM
नरेंद्र मोदी ने भले ही कड़े फैसले लिए हों लेकिन अगर पीएम के रूप में देखें तो लोगों की पहली पसंद वे ही हैं। मोदी सरकार का कार्यकाल 2019 में पूरा हो रहा है।
नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी ने भले ही कड़े फैसले लिए हों लेकिन अगर पीएम के रूप में देखें तो लोगों की पहली पसंद वे ही हैं। मोदी सरकार का कार्यकाल 2019 में पूरा हो रहा है। वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार अगला लोकसभा चुनाव समय से पहले कराने पर विचार कर रही है। चुनाव आयोग अपनी सुविधानुसार चाहे तो चुनाव 'समय पूर्व' करवा सकता है। सूत्रों के मुताबिक अगले साल के अंत में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ ही साथ 2019 के लोकसभा चुनाव भी करवाए जा सकते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक अधिक से अधिक राज्यों में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव करवाए जाने की संभावनाओं पर चर्चा होनी शुरू हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसके चलते अगले लोकसभा चुनाव साल के अंतिम दो महीनों (नवंबर-दिसंबर 2018) में करवाए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी कई बार यह राय जाहिर कर चुके हैं कि लगातार होने वाले विधानसभा चुनावों से न सिर्फ सरकार की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है बल्कि इससे देश पर आर्थिक भार भी पड़ता है।
पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने भी की थी वकालत
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए देश में चुनाव सुधारों की वकालत की थी। मुखर्जी ने चुनाव आयोग से कहा था कि वह राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श करके दोनों चुनाव साथ कराने के विचार को आगे बढ़ाए।
कई राज्यों में एकसाथ बदलेगी सरकार
अगर तमाम राजनीतिक दल प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग की अपील मान लेते हैं और समयपूर्व लोकसभा चुनाव पर एकमत हो जाते हैं तो कई राज्यों में एकसाथ सरकार बदल जाएगी।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम की विधानसभाओं का कार्यकाल नवंबर-दिसंबर 2018 में समाप्त हो रहा है। इसके अलावा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में भी विधानसभा चुनाव इन प्रस्तावित चुनावों के साथ करवाए जा सकते हैं। इन राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अप्रैल 2019 तक है।