फडणवीस बनकर उभरे सबसे बड़े नायक !

Edited By ,Updated: 25 Feb, 2017 06:06 PM

maharashtra devendra fadnavis bjp shiv sena

महाराष्ट्र महापालिका चुनावों में ऐतिहासिक कामयाबी के बाद बीजेपी गदगद है, लेकिन बीजेपी से भी ज्यादा गदगद हैं,  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो इस कामयाबी में एक बड़े नायक के रूप में उभरकर सामने आए हैं।

नई दिल्ली: महाराष्ट्र महापालिका चुनावों में ऐतिहासिक कामयाबी के बाद बीजेपी गदगद है, लेकिन बीजेपी से भी ज्यादा गदगद हैं,  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो इस कामयाबी में एक बड़े नायक के रूप में उभरकर सामने आए हैं। महाराष्ट्र की महापालिकाओं और ग्राम पंचायत चुनावों के परिणाम घोषित होने से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी राजनीतिक करियर के पच्चीस साल पूरे किए। बता दें कि फडणवीस सबसे पहले नागपुर म्युंसिपिल कॉर्पोरेशन में सिर्फ 21 साल की उम्र में पार्षद चुने गए थे। बतौर पार्षद उन्होंने दो कार्यकाल पूरे किए। इसके बाद वह शहर के सबसे उम्र के शहर के मेयर बने और इसके बाद फडणवीस तीन बार विधायक चुने गए। 

बहरहाल मंगलवार के चुनाव परिणाम देवेंद्र फडणवीस के लिए एक बड़ी जीत के रूप मे देखे जा रहे हैं। इसे उनकी सरकार के करीब ढाई साल के कार्यकाल के लिए जनमत संग्रह के रूप में भी बताया जा रहा है। हालांकि, यह अलग बात है कि बीएमसी महापालिका का परिणाम बंटा हुआ आया और किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हो सका। बीएमसी, बाकी नौ दूसरी महापालिकाओं और सरकारी ग्रामीण इलाकों में 25 जिला काउंसिल के चुनाव को महाराष्ट्र के 'मिनी एसैंबली पोल’ का नाम दिया गया था। और इन चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी और शिवसेना के बीच जोरदार संघर्ष की उम्मीद की जा रही थी। क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि परिणामों के बाद सबसे बड़ा विजेता कौन रहा...सोचिए...दिमाग पर जोर डालिए...। 

चलिए परेशान न हों, हम बताते हैं कि महाराष्ट्र चुनाव के परिणाम के बाद कौन बना है सबसे बड़ा विजेता। पिछले तीन दशकों में मुंबई की राजनीति में खुद को बतौर मराठी मानुष का मसीहा घोषित कर बीएमसी में शिव सेना के सत्ता कब्जाने के बाद से किसी भी मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर बाल ठाकरे के शेरों को टक्कर नहीं दी। न ही कोई मुख्यमंत्री मोलभाव में ही शिव सेना से जीत सका था। लेकिन 46 साल के फडणवीस ने वह कारनामा कर डाला, जो उनसे पहले कांग्रेस के अनुभवी विलासराव देशमुख और पृथ्वीराज चव्हाण जैसे नेता भी नहीं कर सके। साल 2014 में हुए चुनाव में बतौर मुख्यमंत्री प्रोन्नत होने से पहले फडणवीस ने पहले कभी सरकार में काम नहीं किया था। लेकिन अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को एक ऐसे नेता के रूप में देखा जाएगा, जिसने कांग्रेस को उसके ऐसे गढ़ में किनारे लगा दिया, जहां आजादी के बाद से उसी का राज रहा था।

बीजेपी के विधायक और नागपुर में आरएसएस से जुड़े गंगाधरराव फडणवीस के बेटे देवेंद्र ने अपनी एक साफ-सुथरी, शिक्षित और आक्रामक पार्षद और विधायक की छवि बनाई। घोटालों पर प्रहार करने की आदत के लिए प्रसिद्ध रहे देवेंद्र ने महाराष्ट्र में हुए सिंचाई घोटाले पर आई कैग की रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में रखा। साथ ही, उन्होंने राज्य की नीतियों और बजट का भी विश्लेषण किया। इस सबके बाद फडणवीस को राज्य एक चतुर नेता और राजनीतिक आयोजक माना जाने लगा। मुंबई में फडणवीस ने राजनीतिक आक्रामक अभियान को खुद अपने बूते संचालित किया और बहुत ही बारीकी से इसका प्रबंधन किया। इस दौरान फडणवीस ने जोर-शोर से शिव सेना को 'लुटेरों की पार्टी' कहकर प्रचारित किया।

साल 1997 के बाद से यह पहला मौका है, जब कोई पार्टी शिव सेना के इतने नजदीक पहुंची है। मुंबई बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री कोई अनुभव न होने के बावजूद फडणवीस ने साबित किया है कि वह एक कुशल नेता और आयोजक हैं। सबसे खास बात यह है कि उनकी साफ छवि और विकास के प्रति दृष्टिकोण के कारण उन्हें पार्टी के चेहरे के रूप में पेश किया किया। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में फडणवीस और पार्टी ने मुंबई में वार्ड स्तर के उम्मीदवार के चयन में भी कराए गए सर्वे के लिए अच्छे संसाधन उपलब्ध कराए। और जमकर पैसा खर्च किया, जिसकी विरोधी पार्टियों ने आलोचना भी की। चुनाव से पहले प्रचार के आखिरी 15 दिनों में फणनवीस ने  महाराष्ट्र में 62 रैलियों को संबोधित किया। 

इसमें 11 रैलियां मुंबई में थीं। फडणवीस की पहल पर ही लोगों का मूड जानने के लिए बहुत ही गहराई के साथ सर्वे कराए गए, विज्ञापनों और सोशल मीडिया पर जमकर पैसा बहाया गया। इस अभियान के जरिए फडणवीस ने विकास के साथ भ्रष्टचार के खिलाफ लड़ाई को महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा बना दिया। साफ है कि बीजेपी को महाराष्ट्र में मिली यह ऐतिहासिक कामयाबी फडणवीस के पार्टी के शीर्ष नेताओं का भरोसा जीतने में मदद करेगी। यह पूरी तरह साफ है कि जब तक अप्रत्याशित खलल नहीं होता,  देवेंद्र फडणवीस ही पार्टी का नेतृत्व करेंगे और 2019 के चुनावों में भी अपना अधिकार बनाए रखेंगे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!