गणतंत्र दिवस विशेषः संविधान सभा में शामिल नहीं थे महात्मा गांधी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 01:39 PM

mahatma gandhi was not included in the constituent assembly

देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता देश का संविधान बनाने के लिए बनाई गई संविधान सभा में शामिल नहीं थे।  संविधान सभा का चुनाव अंग्रेजों के शासन में आते देश के विभिन्न राज्यों के अलावा रियासतों द्वारा चुने गए मैंबरों द्वारा किया गया...

नई दिल्ली: देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता देश का संविधान बनाने के लिए बनाई गई संविधान सभा में शामिल नहीं थे। संविधान सभा का चुनाव अंग्रेजों के शासन में आते देश के विभिन्न राज्यों के अलावा रियासतों द्वारा चुने गए मैंबरों द्वारा किया गया था।

शुरूआती दौर में संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे जिनमें से कांग्रेस के 208 सदस्य राज्यों से जीत कर आए थे जबकि मुस्लिम लीग के 73 सदस्य थे। संविधान सभा में अल्पसंख्यक होने के चलते ही मुस्लिम लीग ने इसका बायकाट कर दिया था और आखिर में संविधान सभा में 299 सदस्य बचे थे। इन 299 सदस्यों ने 2 साल 11 महीने 18 दिन काम करके देश का संविधान बनाया। इस प्रक्रिया में 60 देशों के संविधान की जांच-पड़ताल की गई। संविधान बनाने पर 64 लाख रुपए का खर्चा आया तथा यह दुनिया का सबसे लंबा हस्तलिखित संविधान है। 

कैसे होते हैं संशोधन
1. स्पैशल मैजोरिटी (विशेष बहुमत): इस प्रक्रिया में दो-तिहाई सदस्यों का वोट चाहिए होता है तथा इसकी वोटिंग तब ही शुरू होती है यदि एक हाऊस के 50 प्रतिशत सदस्य सदन में उपस्थित हों। 
2. स्पैशल मैजोरिटी और राज्यों की मंजूरी बिल का स्पैशल मैजोरिटी से संसद में पास होकर आधे से ज्यादा प्रदेशों की विधानसभाओं में सिंपल मैजोरिटी के साथ पास होना जरूरी होता है। जी.एस.टी. इसी तरह का बिल था।  
3. सिम्पल मैजोरिटी (साधारण बहुमत): इसमें बिल को उपस्थित सदस्यों का बहुमत चाहिए होता है पर उनकी संख्या एक दहाई से कम न हो। 

क्या है संविधान सभा का इतिहास
देश का संविधान बनाने का बीज 1934 में पड़ा। कम्युनिस्ट नेता एम.एन. राय ने देश का संविधान लिखने के लिए संविधान सभा बनाने की मांग की तथा बाद में 1935 में कांग्रेस द्वारा भी यह मांग उठाई गई। उस समय देश में अंग्रेजों का शासन था। लिहाजा यह मांग आई-गई हो गई। अंग्रेजों ने अगस्त ऑफर के दौरान 1940 में इस मांग को स्वीकृति प्रदान की तथा 1942 में इस उद्देश्य से स्टैफर्ड क्रिप्स कमीशन को भारत भेजा गया। इस कमीशन की सिफारिश को व्यावहारिक रूप नहीं दिया जा सका क्योंकि मुस्लिम लीग द्वारा इस कमीशन की सिफारिशों के साथ सहमति नहीं जताई गई। इसके बाद 24 मार्च 1946 को कैबिनेट मिशन भारत आया। इसमें लार्ड पैथिक लारैंस के अलावा ए.बी. एलैग्जैंडर तथा स्टैफर्ड क्रिप्स शामिल थे तथा इस मिशन ने संविधान सभा के गठन की रूपरेखा तैयार की। आज के संविधान का मूल आधार कैबिनेट मिशन द्वारा ही तय किया गया था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!