मां का प्यार जीता, फुटबॉलर से आतंकी बने बेटे ने किया सरेंडर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 06:05 PM

majidkhan of anantnag surrendered before forces in south kashmir

20 वर्षीय फुटबॉलर माजिद खान ने सेना के सामने समर्पण कर दिया है। माजिद खान कुछ सप्ताह पहले ही आतंकवादी खेमे लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था। माजिद जिला स्तर कर फुटबॉलर खिलाड़ी है।

जम्मू: जम्मू कश्मीर में एक सप्ताह पहले लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए कॉलेज छात्र और फुटबॉलर माजिद अर्शीद ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। उसने अपने माता-पिता और जम्मू कश्मीर पुलिस की अपील के बाद आत्मसमर्पण किया। उसके माता-पिता ने टेलीविजन और सोशल मीडिया पर जाकर उससे आत्मसमर्पण करने का आह्वान किया था। सोशल मीडिया पर एक वीडियो फैला है जिसमें उसकी मां रो रही है और उससे घर वापसी की अपील कर रही है।

अधिकारियों ने आज बताया कि अर्शीद कल रात दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों के शिविर में आया और उसने हथियारों तथा गोला बारुद के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। उसे आज सुबह एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।  ऐसा माना जाता है कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में स्थानीय फुटबॉल टीम का गोलकीपर कॉलेज छात्र एक मुठभेड़ में अपने करीबी दोस्त के मारे जाने के बाद आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गया था। 


CM ने बताया, मां के प्यार की ‘जीत’
राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने  कहा कि हफ्ता भर पहले लश्कर ए तैयबा में शामिल हुए कॉलेज छात्र और फुटबॉल खिलाड़ी माजिद अरशिद खान की ‘घर वापसी’ में ‘मां का प्यार’जीत गया। मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘एक मां का प्यार जीत गया। उसकी संवेदनशील अपील से एक होनहार फुटबॉल खिलाड़ी माजिद की घर वापसी में मदद मिली। जब भी कोई किशोर हिंसा के रास्ते पर उतरता है तो सबसे अधिक उसका परिवार प्रभावित होता है।’’  उन्होंने लिखा, ‘‘मैं उन युवकों की मनोदशा समझती हूं जो भटककर आतंकवाद के रास्ते पर चले गए हैं। उनमें से ज्यादातर अनर्थक हिंसा की व्यर्थता समझते हैं और घर लौटर मर्यादा के साथ सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। लेकिन हिंसा छोडऩे का चुनाव आसान नहीं होता है क्योंकि वे खुद को दो अवांछनीय स्थिति में से एक को चुनने की स्थिति में होते हैं। सामाजिक कलंक का डर उनके फैसले पर हावी रहता है। ’’ 


DGP की कश्मीरी महिलाओं से अपील 
राज्य के पुलिस महानिदेशक एस.पी.वैद्य ने आज प्रदेश की सभी महिलाओं से अनुरोध किया कि जिनके बच्चे आतंकवाद से जुड़े हैं, वे अपने बच्चों से हिंसा का रास्ता छोड़कर वापस घर लौटने का अनुरोध करें। डीजीपी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मैं प्रार्थना करता हूं कि सद्बुद्धि आए और ऐसी सभी मांए जिनके बच्चों ने बंदूकों का दामन थाम लिया है वे अपने बेटों से अनुरोध करें कि वो हिंसा का रास्ता छोड़कर घर वापस आ जाएं।’’  

 

 

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