Edited By ,Updated: 23 Nov, 2016 05:13 PM
बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के विरोध में लोकसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के कारण आज भी प्रश्नकाल बाधित रहा और एक बार के स्थगन के बाद करीब साढ़े 12 बजे सदन की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
नई दिल्ली: बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के विरोध में लोकसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के कारण आज भी प्रश्नकाल बाधित रहा और एक बार के स्थगन के बाद करीब साढ़े 12 बजे सदन की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में कार्य स्थगित करके मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को लेकर शोर-शराबे के कारण सदन की कार्रवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं नोटबंदी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी मोर्चा खोल दिया। वह मोदी सरकार की नोटबंदी के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर पहुंच गई हैं।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी को लेकर बुधवार को सदन के बाहर से हमला किया। उन्होंने कहा कि जब पीएम ने इतना अच्छा काम किया है तो वह संसद आने से क्यों घबरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रपति से गुजारिश करती हूं कि प्रधानमंत्री को तलब करें और नोटबंदी के बाद जनता को हुई परेशानी का समाधान निकालें। वहीं मायावती ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी संसद आकर विपक्ष की सुनें। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी में गड़बड़झाला हुआ है।
उन्होंने कहा कि हम भी काले धन के खिलाफ सरकार के साथ हैं लेकिन बिना तैयारी के लिया गया ये कदम अगर सोच-समझकर लिया जाता तो हम सरकार का समर्थन करते। इससे पहले यूनाइटेड अपोजिशन फ्रन्ट ने बुधवार सुबह 9.30 बजे सांसदों की बैठक के बाद संसद परिसर में महात्मा गांधी के स्टैच्यू के पास विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में 12 राजनीतिक पार्टियों के करीब 200 एमपी शामिल हुए। बीएसपी के (7), सपा के (24), कांग्रेस के (95), एनसीपी के (10), टीएमसी के (45), आरजेडी के (6), जेडीयू के (18), वाईएसआर के (12), जेएमएम के (2), डीएमके के (4), सीपीएम के (20), सीपीआई के (1) सांसद प्रदर्शन में हिस्सा लिया।