Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Feb, 2018 06:38 PM
एक तरफ जहां मोदी सरकार "पढ़ेगा इंडिया, बढ़ेगा इंडिया" की थीम पर देश को शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल बनाने के सपने देख रही है। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की सरकार प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है। इसी के चलते ममता सरकार ने आरएसएस के समर्थन से...
नई दिल्ली: एक तरफ जहां मोदी सरकार "पढ़ेगा इंडिया, बढ़ेगा इंडिया" की थीम पर देश को शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल बनाने के सपने देख रही है। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की सरकार प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है। इसी के चलते ममता सरकार ने आरएसएस के समर्थन से संचालित होने वाले 125 स्कूलों को बंद करने का नोटिस जारी किया है। राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने जानकारी देते हुए कहा कि इन स्कूलों ने एनओसी नहीं लिया है। इससे पहले भी चटर्जी आरएसएस समर्थित स्कूलों पर असहिष्णुता फैलाने का आरोप लगा चुके हैं।
कई और स्कूलों पर लटकी है तलवार
शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसे सरकार ऐसे स्कूलों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी, जहां हिंसा का पाठ पढ़ाया जाता हो। चटर्जी ने कहा कि सरकार के पास ऐसे 500 स्कूलों की शिकायत आई है, इनमें से अधिकतर स्कूलों पर सरकार की नजर है, जांच के बाद सभी स्कूलों पर एक्शन लिया जाएगा। आपको बता दें कि 125 स्कूलों में से 12 स्कूल विवेकानंद विद्या विकास परिषद द्वारा संचालित किए जाते हैं।
वहीं परिषद के सचिव तारक दास सरकार ने बताया कि बंगाल सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में ही स्कूलों के क्लियरेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई जबाब नहीं मिला। वहीं आरएसएस ने स्कूलों के मामले पर कहा कि हमारा इन स्कूलों से कोई लेना-देना नहीं है।
शिक्षा पर मिलने वाली राशि बहुत कम
बंगाल सरकार के शिक्षा मंत्री ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत सरकार शिक्षा के लिए जो धनराशि आवंटित करती है, वो बहुत कम है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत जो राशि केंद्र आवंटित करता है, उसका 30% ही मिल पाता है, ऐसा पिछले तीन सालों से हो रहा है। पार्थ ने बताया कि वे इस मामले में केंद्र को पत्र लिख चुके हैं। 10 स्कूलों को बंद करने के लिए जो डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ने नोटिस जारी किया, हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। ये सभी स्कूल उत्तर दिनाजपुर में आरएसएस द्वारा संचालित हैं।