Edited By ,Updated: 25 Nov, 2016 12:57 PM
प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाषा को लेकर बड़ी ही समझदारी से फैसला लेती हैं...
नई दिल्ली : प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाषा को लेकर बड़ी ही समझदारी से फैसला लेती हैं। वह दार्जलिंग में जाकर नेपाली बोलती हैं, तो मिदनापुर में संथाल भाषा बोलती हैं। पश्चिम बंगाल में अपनी स्थिति मजबूत करने के बाद ममता बनर्जी अपनी राष्ट्रीय छवि सुधारने में जुटी हैं।
लखनऊ और पटना में हाेने वाली रैली के जरिए ममता बनर्जी नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार करेंगी। 16 नवंबर को ममता बनर्जी ने पहला हिंदी ट्वीट करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली की आजादपुर मंडी में होने वाली रैली की घोषणा की थी।
इसके लिए वह अपनी हिंदी सुधारना चाहती हैं ताकि लाेगाें काे उन्हें समझने में काेई परेशानी न अाए। इसलिए ममता हिंदी सीखने के लिए एक हिंदी शिक्षक की तलाश कर रही हैं। ममता बनर्जी मानती हैं कि उनकी हिंदी काफी खराब हो चुकी है।
सुत्राें के अनुसार सी.एम. ममता एक किताब भी लिख रही हैं, जिसमें हिंदी की कविताएं होंगी। वहीं, ममता बनर्जी की बायोग्राफी को उनकी पार्टी हिंदी शीर्षक “मेरी संघर्षपूर्ण यात्रा” के साथ एक बार फिर से पब्लिश कर सकतेे हैं। यह किताब वर्ष 2013 में आई थी।