Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 07:18 PM
करीब एक वर्ष पहले कंधे पर पत्नी का शव ढोते दीना मांझी की एक तस्वीर काफी वायरल हुई थी। जो देश ही नहीं दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी थी। अब साल भर बाद ओडिशा के गरीब आदिवासी दाना मांझी की जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी है। अब उसकी गरीबी उससे काफी पीछे छूट...
नेशनल डेस्क: करीब एक वर्ष पहले कंधे पर पत्नी का शव ढोते दीना मांझी की एक तस्वीर काफी वायरल हुई थी। जो देश ही नहीं दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी थी। अब साल भर बाद ओडिशा के गरीब आदिवासी दाना मांझी की जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी है। अब उसकी गरीबी उससे काफी पीछे छूट चुकी है। मंगलवार को मांझी कालाहांडी जिले के भवानीपाटा से अपने घर तक उस हॉन्डा की बाइक पर सफर किया जिसे उसने 65 हजार रुपये में खरीदी। ये वही रोड है जहां मांझी अपनी बेटी के साथ पैदल कंधे पर अपनी पत्नी अमांग देई का कपड़े में लिपटा शव लेकर पैदल 10 किलोमीटर चलकर घर आया था क्योंकि उसके पास गाड़ी वालों को देने के लिए पैसे नहीं थे।
आज मांझी की बेटी को ओडिसा सरकार भुवनेश्वर में पढ़ा रही है। इनकी तीसरी शादी भी हो चुकी है और वो अब नई बाइक से घूम रहे हैं और 36 लाख रुपए बैंक में जमा हैं। इनकी बदली हालत देख लोगों को वो वक्त भी याद आ गया जब ये देश-विदेश में चर्चा में आए थे और इन्हें ओडिसा सरकार की ओर से इंदिरा आवास योजना के तहत घर मिला। बहरीन के पीएम प्रिंस खलीफा बिन सलमान अल खलीफा ने मांझी को 9 लाख रुपए की सहायता राशि दी थी। इन्हें और कई लोगों ने आर्थिक मदद दी जिससे इनके अकाउंट में 36 लाख रुपए से ज्यादा राशि हो गई है।
गौरतलब है कि 24 अगस्त, 2016 को ओडिशा के पिछड़े जिले कालाहांडी में दाना मांझी को अपनी दूसरी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा था। उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं ला और एंबुलेंस रिजर्व कर उसे देने के लिए पैसे तक नहीं थे। उसके साथ उसकी 12 वर्षीय बेटी भी थी जो पिता के साथ चल रही थी। ये फोटो सोशल मीडिया समेत कई प्लेटफॉर्म पर वायरल हुई और गरीबी का ये दर्द भी लोगों ने देखा।