Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Oct, 2017 04:22 PM
भारत सरकार के राजपत्र में एक अधिसूचना जारी की गई। जिसमें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी धर्मेंद्र चौधरी से पुलिस वीरता पदक वापस ले लिया गया है।
झाबुआ (म.प्र.): भारत सरकार के राजपत्र में एक अधिसूचना जारी की गई। जिसमें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी धर्मेंद्र चौधरी से पुलिस वीरता पदक वापस ले लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, चौधरी को झाबुआ जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत मोस्ट वॉन्टेड अपराधी लोहार को वर्ष 2002 में मुठभेड़ में मार गिराने पर 15 मई 2004 को पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा की गई इस जांच में इस मुठभेड़ को सही नहीं पाया था। लेकिन उस समय की राज्य सरकार इसे मुठभेड़ ही मान रही थी।
भारत सरकार के 30 सितंबर 2017 के राजपत्र में राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में धर्मेंद्र चौधरी का पुलिस वीरता पदक रद्द करते हुए उसे जब्त करने का आदेश दिया है।
फिलहाल, चौधरी वर्तमान में रतलाम परिक्षेत्र में पुलिस उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) के पद पर कार्यरत हैं। चौधरी का कहना है कि, उन्हें मीडिया से पदक रद्द किए जाने की सूचना मिली है जबकि उनका पक्ष भी नहीं सुना गया है। उन्होंने कहा कि, वे विभाग के समक्ष वह अपनी बात रखेंगे।
चौधरी के अनुसार, लोहार एक बड़ा अपराधी था, उसने गुजरात, राजस्थान व मध्य प्रदेश में कई वारदातों को अंजाम दिया था। उस पर लूट सहित लगभग 14 मामले दर्ज थे और पुलिस के साथ 2002 में हुई मुठभेड़ में मार गिराया था।