कश्मीर में सुरक्षाबलों की चौकसी के बीच आतंकियों के पस्त होते हौसले

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 10:07 AM

militants in kashmir

कश्मीर घाटी में जिस तरह से सुरक्षाबलों के हाथों आतंकी मारे जा रहे हैंष उससे लग रहा कि इस साल रिकार्ड तदाद में आतंकी मारे जायेंगे।

श्रीनगर : कश्मीर घाटी में जिस तरह से सुरक्षाबलों के हाथों आतंकी मारे जा रहे हैंष उससे लग रहा कि इस साल रिकार्ड तदाद में आतंकी मारे जायेंगे। इस साल अब तक 180 आतंकी मारे जा चुके हैं, जबकि पिछले साल 150 आतंकी ही मारे गए थे। आतंकियों के मरने के बढ़ते तदाद से आतंकियों के मददगार पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की नींद ही उड़ गई है। एक-एक करके सुरक्षाबलों ने आतंकियों के लगभग सारे टॉप कमांडर मार गिराए हैं। बात चाहे लश्कर के अबू दुजाना की हो या फिर हिज्बुल के सब्जार की हो या कश्मीर में सबसे लंबे वक्त से सक्रिय आतंकी अब्दुल क्यूम की हो।

सुरक्षाबलों ने पिछले छह महीने के भीतर ही 80 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है। अब आतंकियों के आका ने अपना दांव जैश-ए-मोहम्मद पर खेला है, क्योंकि जैश का नाम कश्मीर के कई भयानक हमलों से जुड़ा हुए है। कश्मीर में जैश को छोडक़र कोई ऐसा आतंकी संगठन नहीं बचा है, जिसमें कोई खास दमखम हो। पर यहां भी उनका दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है। जिस तरह जैश के मुखिया मसूद अजहर का भतीजा तल्हा रशीद मारा गया, उससे उनके पांव उखड़ते हुए दिख रहे हैं। तल्हा को जैश, लश्कर व जाकिर मूसा के बीच समवन्य कराने के लिए भेजा गया था ताकि आतंकियों के बीच आपसी लड़ाई ना हो।

लश्कर और जैश की बैठक

ये भी खबर है कि पिछले महीने बडग़ाम जिले के अरिजाल इलाके में मूसा की लश्कर और जैश के आतंकियों के साथ बैठक भी तल्हा रशीद के पहल से ही हुई थी। इसी बैठक में जाकिर मूसा को एक हथियारों की खेप के साथ लश्कर व जैश के कुछ आतंकियों को सौंपा गया था। सुरक्षाबलों से मिली जानकारी के मुताबिक, जुलाई सितंबर में ही जैश के आतंकी उत्तरी कश्मीर के रास्ते कश्मीर में दाखिल हुये थे। उसके साथ जैश के लगभग 15-16 आतंकियों ने दो से तीन गुटों में घुसपैठ की थी। इनका मकसद साफ  है किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देना।

बड़े हमले की फिराक में

ये आतंकी जब से कश्मीर आएं हैं तब से इन्होंने किसी छोटे हमले को अंजाम नहीं दिया है। ये हमेशा बड़े हमले की फिराक में रहते हैं। इन्हीं आतंकियों ने कश्मीर में दो बड़े आतंकी हमलो को अंजाम दिया था। पहला पुलवामा में पुलिस लाइन पर और दूसरा श्रीनगर एयरपोर्ट के करीब बी.एस.एफ . कैंप पर। सुरक्षाबल मानते हैं कि बेशक आतंकियों की कमर टूट चुकी है,  लेकिन आने वाले दिनों में कश्मीर में आतंकी भयानक हमलों को अंजाम दे सकते हैं। फिलहाल जैश के करीब 20 से 25 आतंकी कश्मीर में बचे हैं। सुरक्षाबलों को अंदेशा है कि ये अपना टारगेट तय करके ऐसा सटीक हमला करते हैं कि जिससे खौफ और आतंक ज्यादा फैलाया जा सके।

 

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