Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 07:08 PM
तमिलनाडु में एआईएडीएमके के एक होने के बाद अब उसके एनडीए के बेड़े में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं
नई दिल्ली: तमिलनाडु में एआईएडीएमके के एक होने के बाद अब उसके एनडीए के बेड़े में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी ने इसकी जिम्मेदारी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों को दी है। इसी आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट के विस्तार की तारीख तय करेंगे। साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि इसमें जेडीयू के 2 और शिवसेना के 1 मंत्री के अलावा एआईएडीएमके के कोटे से 4 मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
बीजेपी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए 350 से ज्यादा सीटों का लक्ष्य रखा है, जो तमिलनाडु जैसे बड़े राज्य में दखल के बिना मुमकिन नजर नहीं आता है। साथ ही फिलहाल कांग्रेस के 45 सांसदों के बाद सबसे ज्यादा सांसद एआईएडीएमके के पास हैं। इनकी वर्तमान संख्या 37 है। अब विलय के बाद अगर एनडीए में एआईएडीएमके का गठबंधन हो जाता है तो मोदी सरकार को संसद में भी मजबूती मिलेगी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी तमिलनाडु के दौरे पर जाने वाले थे, मगर उन्होंने राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए अपना दौरा रद्द कर दिया था।
एआईएडीएमके 4 और जेडीयू से 2 मंत्री
सूत्रों के मुताबिक, मोदी मंत्रिमंडल में अन्ना द्रमुक के 2 केबिनेट और 2 राज्यमंत्री बन सकते हैं। इनमें थंबीदुरई, मैत्रेयी, वेणुगोपाल के मंत्री बनने की संभावना हैं हालांकि अभी थंबीदुरई लोकसभा में उपाध्यक्ष हैं। उधर, जनता दल(यू) भी एनडीए में 19 अगस्त को औपचारिक रूप से शामिल हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि मोदी मंत्रिमंडल में जेडीयू के कोटे से भी 2 मंत्री बनेंगे। शिवसेना से आनंदराव अडसुल भी मंत्री बन सकते हैं। अभी तक शिवसेना से मात्र अनंत गीते ही मंत्री हैं।
अटल के बाद मोदी बने हमदर्द
पहली बार1998-1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त एआईएडीएमके एनडीए का हिस्सा रही थी। साथ ही बाहर से भी एनडीए का समर्थन कर चुकी है। इसके बाद 2004-2006 तक भी वो NDA का हिस्सा रही थी। जयललिता और नरेंद्र मोदी के रिश्ते काफी अच्छे थे। दोनों गुटों की खींचतान के पीछे के दौरान भी पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी धड़ों के एमएलए कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुके थे। पीएम ने दोनों धड़ों को समझाया कि जनता ने उन्हें पांच साल के लिए वोट दिया था। ऐसे में उनकी गलती से वक्त से पहले चुनाव हो सकता है और इसका फायदा डीएमके उठा सकती है। डीएमके हमेशा कांग्रेस की करीबी रही है। हाल ही में सोनिया गांधी ने डीएमके प्रमुख एम के स्टैलिन के जन्मदिन पर भी गई थींं।
इन एक्टिव मंत्रियों की होगी छुट्टी
बताया जा रहा है कि बीजेपी संगठन से राम माधव और भूपेंद्र यादव को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। मंत्रिमंडल विस्तार, संगठन फेरबदल और 7 राज्यो के राज्यपालों की सूची भी तैयार होगी। इनमें लालजी टंडन, विजय कुमार मल्होत्रा, कैलाश जोशी, सीपी ठाकुर, आनंदी बेन पटेल सहित 7 नेताओं को राज्यपाल बनाये जाने की संभावना है। सूत्र बता रहे हैं कि जिन मंत्रियों काम-काज ठीक नहीं रहा है उनकी छुट्टी हो सकती है और ऐसे मंत्रियों की संख्या 12 के आसपास मानी जा रही है। खबर ये है कि सरकार ने सभी मंत्रालयों की एक इंटरनल रिपोर्ट तैयार करवाई है और इस रिपोर्ट में अलग-अलग मंत्रालयों और मंत्रियों के काम-काज का ब्योरा है।