Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Oct, 2017 05:19 AM
जब आम देशवासी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की चर्चा में व्यस्त थे तब अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि में देश भर के गांधीवादी सामाजिक कार्यकत्र्ताओं की बैठक चल रही थी।
हजारे अपने नए आंदोलन की रूपरेखा बनाने में लगे थे। अपने पिछले आंदोलन...
नई दिल्ली: जब आम देशवासी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की चर्चा में व्यस्त थे तब अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि में देश भर के गांधीवादी सामाजिक कार्यकत्र्ताओं की बैठक चल रही थी।
हजारे अपने नए आंदोलन की रूपरेखा बनाने में लगे थे। अपने पिछले आंदोलन से सबक लेकर गांधीवादी नेता इस बार फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। वह उसी तरह का जन-उभार नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ भी लाना चाहते हैं, जैसा 2012-13 में मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ पैदा हुआ था। हजारे के लिए इस बार मुद्दा सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं होगा, किसानों की तबाही का सवाल भी इसमें जुड़ा होगा।