Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Mar, 2018 12:14 PM
भारत ओर चीन के बीच चल रहे नाजुक रिश्ते को देखते हुए मोदी सरकार ने एक नोट जारी किया है। सरकार ने नेताओं और कर्मचारियों को सूचना जारी कर कहा कि चीन से अच्छे संबंध न होने की वजह से हमें तिब्बत के नेता दलाई लामा के कार्यक्रमों में जाने से बचना चाहिए...
नेशनल डेस्क: भारत और चीन के बीच चल रहे नाजुक रिश्ते को देखते हुए मोदी सरकार ने एक नोट जारी किया है। सरकार ने नेताओं और कर्मचारियों को सूचना जारी कर कहा कि चीन से अच्छे संबंध न होने की वजह से हमें तिब्बत के नेता दलाई लामा के कार्यक्रमों में जाने से बचना चाहिए।
बता दें कि विदेश सचिव विजय गोखले ने कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को ये नोट भेजा था। सिन्हा ने इस बारे में वरिष्ठ नेताओं और सरकारी कर्मचारियों को जानकारी देते हुए कहा कि नेतागण और कर्मचारी दलाई लामा के कार्यक्रम का हिस्सा ना बने क्योंकि इस वक्त इंडो-चीन के रिश्तों पर बातें हो रही हैं। आध्यात्मिक गुरू के कार्यक्रम में अगर भारतीय नेतागण और कर्मचारी शामिल होते हैं तो इसका प्रतिकूल प्रभाव इस वार्ता पर पड़ सकता है ऐसे में अगर थोड़ी सतर्कता बरती जाए तो अच्छा होगा।
बता दें कि चीन तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु को खतरनाक अलगाववादी बताता आया है। इससे पहले जनवरी के महीने में भारत में धार्मिक यात्रा पर आए चीनी निंयत्रण वाले तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों को चीन ने वापस देश लौटने का फरमान जारी किया था। चीन इस बात को लेकर नाराज था कि यह तिब्बती अपनी धार्मिक यात्रा के तहत धार्मिक स्थलों पर जाने के बजाए बोध गया में दलाई लामा के प्रवचनों को सुन रहे हैं। दलाई लामा समय-समय पर चीन की सरकार की नितियों की आलोचना करते रहे हैं।