Edited By ,Updated: 16 Jan, 2017 04:47 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खादी ग्राम उद्योग के कैलंडर-डायरी पर गांधी की चरखे वाली तस्वीर बदने पर खासे नाराज है। इस पर उठे बवाल पर पीएमओ ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खादी ग्राम उद्योग के कैलंडर-डायरी पर गांधी की चरखे वाली तस्वीर बदने पर खासे नाराज है। इस पर उठे बवाल पर पीएमओ ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा है। एक अखबार के मुताबिक खादी ग्राम उद्योग के कैलंडर-डायरी पर पीएम मोदी का फोटो बिना पीएमओ की इजाजत के उपयोग किया गया। बड़े सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इस पर पीएम नाराज हैं। गौरतलब है कि बिना इजाजत सरकारी या प्राइवेट एंटिटी की तरफ से प्रधानमंत्री के फोटो के इस्तेमाल का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले जियो और पेटीएम के विज्ञापनों में भी प्रधानमंत्री की फोटो का बिना इजाजत इस्तेमाल हुआ है। बता दें कि खादी के कैलेंडर पर मोदी की फोटो छपने के बाद से ही विरोधी लगातार सरकार की आलोचना कर रहे थे।
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि पीएम की चिंता अपने पीआर कैंपेन पर ज्यादा है। कौन सा कुर्ता पहनना है ? कैसा लगना है? क्या ट्वीट करना है ? और क्या whatsapp करना है? यही पीएम मोदी की विचारधारा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय सिंह कहा कि गांधी और मोदी की तुलना नहीं हो सकती। हालांकि इस पूरे विवाद पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने सफाई देते हुए कहा था कि इसमें कोई विवाद उनको नहीं दिखता और गांधी की तस्वीर छपना कोई तय नियम या कानून नहीं है। वहीं भाजपा ने भी कहा था कि केवीआईसी के कैलेंडरों और डायरी में गांधीजी के चित्रों का इस्तेमाल 1996, 2002, 2005, 2011, 2012 और 2013 में उपयोग नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा कि केवीआईसी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि केवल गांधीजी के चित्र का ही उपयोग किया जा सकता है। वहीं इस पर स्पष्टीकरण दिया जा रहा है कि पीएम मोदी भी काफी समय तक खादी पहनते रहे हैं और उन्होंने खादी में एक खास स्टाइल विकसित किया है। न सिर्फ भारतीयों, बल्कि विदेशियों को भी खादी की ओर आकर्षित किया है। इसलिए ये विवाद का मुद्दा नहीं होना चाहिए।