Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 04:48 PM
देशभर में पैट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है वहीं इसी बीच गुजरात में चुनाव से पहले
नई दिल्लीः गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले देश में पेट्रोल पॉलिटिक्स की शुरुआत हो गई है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटा कर इसकी शुरुआत की है। 2 रूपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क घटाने के साथ ही पेट्रोलियम मंत्री ने राज्यों को भी पेट्रोल पर विकट घटाने की सलाह दे डाली। पेट्रोलियम मंत्री की इस सलाह के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने पेट्रोल पर विकट घटाने की बात कही हैं। माना जा रहा है कि गुजरात के बाद अन्य भाजपा शासित राज्य भी पेट्रोल और डीजल पर विकट की दरों में कमी कर सकते हैं। पेट्रोल पर हो रही इस पॉलिटिक्स से आम कंज्यूमर को सीधा फायदा होगा।
अगले हफ्ते तक कम होंगे पेट्रोल के दाम
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनाव नवंबर और दिसंबर में हो सकते हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात के दौरे के दौरान इसके संकेत भी दे दिए थे। अमित शाह ने कहा था कि गुजरात में चुनाव दिसंबर के पहले सप्ताह में होंगे। हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की संभावना के चलते आयोग हिमाचल प्रदेश में चुनाव नवंबर में ही करवा सकता है लिहाजा माना जा रहा है कि चुनाव की घोषणा 15 अक्टूबर के दुसरे सप्ताह तक हो सकती है। चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरें कम नहीं कर पाएंगे लिहाजा अगले एक सप्ताह में भाजपा शासित राज्य पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरें कम कर सकते हैं।
भाजपा शासित महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान में वैट ज्यादा
भारतीय जनता पार्टी के शासन वाले महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान में पेट्रोल की कीमतों पर वैट ज्यादा है। महराष्ट्र में करीब 47,मध्यप्रदेश में 39 और राजस्थान में करीब 33 फीसदी वैट है। इनमे से राजस्थान में अगले साल विधान सभा के चुनाव हैं। गुजरात में हालांकि करीब 29 फीसदी वैट है लेकिन माना जा रहा है कि चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार पेट्रोल से वैट घटा सकती है।
पंजाब सरकार पर दबाव बढ़ेगा
यदि भाजपा शासित राज्यों ने पेट्रोल पर वैट कम किया तो इस से पंजाब सरकार दबाव में आ जाएगी। पंजाब में पेट्रोल की कीमतें पड़ोसी राज्यों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के मुकाबले ज्यादा है लेकिन राज्य सरकार की खस्ता वित्तीय हालत के चलते उसकी परेशानी बढ़ सकती है। हालांकि पंजाब में निकट भविष्य में चुनाव नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद सरकार पर दरें कम करने का दबाव बढ़ेगा। पेट्रोल के दाम पहले ही अपने अधिकतम स्तर से नीचे चल रहे हैं लिहाजा सरकार को इसका पहले से ही राजस्व के रूप में नुकसान हो रहा है ऐसे में वैट घटाया गया तो पंजाब सरकार की परेशानी और बढ़ेगी।
कहां कितना वैट
आंध्रा प्रदेश -38.93
अरुणाचल प्रदेश -20
आसाम-32.66
बिहार-26
छत्तीसगढ़-28.93
दिल्ली -27
गोवा-17
गुजरात -28.96
हरियाणा- 26.25
हिमाचल प्रदेश -27
जम्मू कश्मीर -29. 6
झारखंड- 31.50
कर्नाटक- 30
केरला -34.09
मध्य प्रदेश -38.90
महाराष्ट्र (मुंबई छोड़ कर) -46.81
मुंबई -47.94
मणिपुर -25
मेघालय -22.44
मिजोरम -20
नागालैंड -24.68
ओडिशा-26
पंजाब -36.11
राजस्थान-32.95
सिक्किम- 30. 88
तमिलनाडु- 34
तेलंगाना-35. 2
त्रिपुरा -20
उत्तराखंड -33.25
उत्तर प्रदेश -32. 9
पश्चिम बंगाल- 26.87