मोदी की चेतावनी: टॉप 5 सर्च इंजन में हो मंत्रालयों की वैबसाइट, हर जानकारी करें शेयर

Edited By ,Updated: 31 May, 2016 02:56 PM

modi warning to all government department

प्रधानमंत्री के 'डिजिटल इंडिया' और 'मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस' जैसे अजेंडा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने सभी सभी मंत्रालयों के लिए कुछ कड़े निर्देश जारी किए हैं।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के  'डिजिटल इंडिया' और 'मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस' जैसे अजेंडा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने सभी सभी मंत्रालयों के लिए कुछ कड़े निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के आधार पर अगर कोई मंत्रालय किसी सर्च इंजन पर कोई जानकारी डालता है तो उससे संबंधित इनपुट डाले जाएं तो टॉप 5 रिजल्ट में सरकारी वैबसाइट्स नजर आनी चाहिए। साथ ही, ब्यूरोक्रेट्स के लैंडलाइन और मोबाइल फोन का बिल अगर सरकार चुकाती है तो वे नंबर ऑनलाइन होने चाहिए।

ये बातें सरकार की उन 115 गाइडलाइंस का हिस्सा हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में डिपार्टमेंट ऑफ ऐडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स ऐंड पब्लिक ग्रीवंसेज (DARPG) ने मंत्रालयों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने को कहा है। DARPG के सेक्रटरी सी. विश्वनाथ ने 25 मई को सभी मंत्रालयों के सेक्रेटरी को इसके बारे में लिखा है। इससे पहले एक ऑडिट में 957 सरकारी वैबसाइट्स में से 97% को 'गाइडलाइंस ऑफ इंडियन गवर्नमेंट वेबसाइट्स ' (GIGW) के मामले में फेल पाया गया था। विश्वनाथ ने सचिवों को पत्र लिख कर याद दिलाया कि कैबिनेट सेक्रटरी ने उन्हें पहले ही इस बारे में लेटर लिखकर प्रत्येक गाइडलाइंस के मामले में रिपोर्ट भी मांगी है।

गाइडलाइंस के मुताबिक, केंद्र सरकार की सभी वेबसाइट हिंदी और इंगलिश में होंगी। हालांकि, एक अलग बातचीत में होम मिनिस्ट्री ने निर्देश दिए थे कि केंद्र सरकार की सभी वैबसाइट बाय डिफॉल्ट हिंदी में खुलनी चाहिए और इंग्लिश का लिंक होना चाहिए और इसका उल्टा नहीं होना चाहिए। गाइडलाइंस में साफ तौर पर यह कहा गया है कि सरकारी वैबसाइटों पर किए जाने वाले सभी इलैक्ट्रॉनिक कॉमर्स ट्रांजैक्शन का संचालन सिक्यॉर्ड माध्यम से होगा और वैबसाइट सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी देंगी।

सरकारी वैबसाइटों पर योजनाओं की पूरी जानकारी के साथ आम आदमी से फीडबैक भी लिया जाएगा। इस तरह यह ऐसा मैकनिजम तैयार करेगा, जो सभी सवालों का वक्त पर जवाब देगा। गाइडलाइन के मुताबिक, वैबसाइट्स पर सभी डिस्कशन फोरम 'मॉडरेटेड' होने चाहिए और वैबसाइट्स पर किसी भी तरह की 'अपमानजनक/भेदभाव वाली भाषा' का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

वैबसाइट के 'कॉन्टैक्ट अस' सैक्शन में हर विभाग के महत्वपूर्ण अधिकारियों का पूरा ब्योरा मिलना चाहिए। इसमें उन सभी अधिकारियों के लैंडलाइन नंबर और फोन नंबर होंगे, जिनका बिल सरकार चुकाती है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'सरकार इन अधिकारियों के फोन का बिल चुकाती है, इसलिए आम जनता को यह अधिकार है कि वह इन नंबरों के जरिए अधिकारियों से संपर्क करे।' वहीं माना जा रहा कि सरकार का यह कदम जनता के लिए वरदान साबित होगा।

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