Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 09:10 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 16,700 करोड़ रुपए के नवी मुंबई हवाई अड्डे की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुरानी सरकारों का स्वभाव था लटकाना, अटकाना, भटकना। करीब-करीब 10 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स ऐसे ही लटके, अटके, भटके हुए थे।
नवी मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाहर लाल नेहरू पत्तन न्यास (जेएनपीटी) की 7900 करोड़ रुपए की लागत से तैयार चौथी टर्मिनल परियोजना का पहला चरण रविवार को राष्ट्र को समर्पित किया। इससे देश के इस सबसे बड़े कंटेनर ढुलाई बंदरगाह की ढुलाई क्षमता 50 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
बंदरगाह की माल ढुलाई क्षमता को दो गुनी होकर करीब एक करोड़ मानक कंटेनर यूनिट करना चाहता है। ऐसा होने पर यह दुनिया का 33वां सबसे बड़ा बंदरगाह बन जाएगा। चीन के पास दो करोड़ टीईयू (ट्वंटीफीट इक्विलेंट यूनिट) क्षमता के 15 बंदरगाह हैं।
मोदी ने रिमोट कंट्रोल से टर्मिनल का उद्घाटन किया। इस चौथे टर्मिनल के पहले चरण का परिचालन अधिकार पोर्ट ऑफ सिंगापुर अथॉरिटी (पीएसए) के पास है। प्रधानमंत्री ने इसके अलावा 16,700 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पहले चरण की आधारशिला भी रखी।
वैश्विक दुनिया में अपने लिए जगह बनानी है तो हमें नौवहन बढ़ाना होगा: मोदी
मोदी ने कहा, च्यदि हमें वैश्विक दुनिया में अपने लिए जगह बनानी है तो हमें नौवहन बढ़ाना होगा।ज् उन्होंने कहा कि सरकार बंदरगाह क्षेत्र के विकास के साथ प्रगति के रास्ते पर आगे बढऩे पर गौर कर रही है। पीएसए के मुख्य कार्यकारी तान चोंग मेंग ने इस मौके पर कहा कि जेएनपीटी ने लंबे विलंब के बाद 2014 में उन्हें यह चौथा टर्मिनल का काम दिया। जेएनपीटी को अब तक क्षमता बढ़ाने के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ी। जिसके कारण निजी क्षेत्र के मुंद्रा बंदरगाह आदि को अधिक अवसर मिले।
जेएनपीटी की ढुलाई क्षमता 48 लाख मानक कंटेनर यूनिट है। नई टर्मिनल के उद्घाटन के साथ इसमें 24 लाख मानक कंटनेर इकाई और जुड़ गई है। वर्ष 2022 में दूसरे चरण के पूरा होने पर इसमें 24 लाख टन क्षमता और जुड़ेगी। कुल मिलाकर तब बंदरगाह की कंटेनर क्षमता एक करोड इकाई तक पहुंच जाएगी।