17 लाख से अधिक बुजुर्ग रेल यात्रियों ने छोड़ी सब्सिडी, जानें वजह

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 10:22 PM

more than 17 lakh elderly railway passengers leave subsidy cause reason

भारतीय रेलवे की गिव-अप योजना को अच्छा खासा समर्थन मिल रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछले सात माह में 17.23 लाख यात्रियों ने पूर्ण या आंशिक सब्सिडी छोड़ी है जिससे करीब 29 करोड़ रुपए की बचत हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सब्सिडी छोडऩे का विकल्प...

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे की गिव-अप योजना को अच्छा खासा समर्थन मिल रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछले सात माह में 17.23 लाख यात्रियों ने पूर्ण या आंशिक सब्सिडी छोड़ी है जिससे करीब 29 करोड़ रुपए की बचत हुई है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सब्सिडी छोडऩे का विकल्प अपनाने वाले वरिष्ठ नागरिक यात्रियों की संख्या में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यात्री किराए में 100 प्रतिशत तक रियायत छोडऩे का विकल्प पहले से ही उपलब्ध था। गत 22 जुलाई, 2017 से वरिष्ठ नागरिकों को यह विकल्प दिया गया कि या तो वे ट्रेन टिकटों पर उपलब्ध पूर्ण रियायत अथवा इसके आधे से लाभ उठाएं। बाइस फरवरी, 2018 तक 9.08 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने यात्री किराए पर शत-प्रतिशत सब्सिडी छोड़ दी, जबकि 8.55 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने यात्री किराये पर 50 प्रतिशत सब्सिडी छोड़ दी। 

चालू वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान वरिष्ठ नागरिकों द्वारा सब्सिडी छोडऩे के कारण 28.98 करोड़ रुपए की बचत हुई है। मौजूदा समय में पुरुष वरिष्ठ नागरिकों को कुल यात्री किराए पर 40 प्रतिशत रियायत और महिला वरिष्ठ नागरिकों को कुल यात्री किराए पर 50 प्रतिशत रियायत मिलती है। वैसे तो यात्री किराए पर रियायत पाने वालों में खिलाड़यिों और दिव्यांगजनों सहित यात्रियों की कई श्रेणियां शामिल हैं, लेकिन इस दृष्टि से प्रमुख लाभार्थी वरिष्ठ नागरिकों के संवर्ग में ही हैं। 

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