प्रदूषण से धूमिल हुई दिल्ली, आधे से अधिक फेफड़े के कैंसर रोगी धूम्रपान न करने वाले

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Nov, 2017 05:21 AM

more than half of lung cancer patients who do not smoke

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार इस सप्ताह वायु गुणवत्ता के घटने के कारण रोगियों का रोजाना का आवागमन जारी है। तत्काल आपातकाल में नेब्यूलाइजर दिया जा रहा है। डाक्टरों ने वायु प्रदूषण को जन स्वास्थ्य के लिए विकट संकट घोषित कर दिया...

नई दिल्ली: दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार इस सप्ताह वायु गुणवत्ता के घटने के कारण रोगियों का रोजाना का आवागमन जारी है। तत्काल आपातकाल में नेब्यूलाइजर दिया जा रहा है। डाक्टरों ने वायु प्रदूषण को जन स्वास्थ्य के लिए विकट संकट घोषित कर दिया है। दिल्ली वायु प्रदूषण से पूरी तरह से धूमिल हो गई है। सर गंगा राम अस्पताल के डा. अरविंद कुमार का कहना है कि यह वायु प्रदूषण शहर में कैंसर रोगियों की संख्या को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे शुरूआती करियर में 90 प्रतिशत फेफड़ों के रोगी धूम्रपान करते थे जिनमें 50 या 60 की उम्र के व्यक्ति होते थे परन्तु गत 2 वर्षों में मेरे आधे से अधिक फेफड़ों के कैंसर रोगी धूम्रपान नहीं करते हैं और अधिकतर रोगियों की आयु 40 या उससे भी कम 30 वर्ष की है। धूम्रपान न करने वालों में कैंसर विशेषकर महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है।
PunjabKesari
वायु प्रदूषण से धूमिल हुई दिल्ली
सांस लेना दिन में 50 सिगरेट पीने के बराबर
ठंडे तापमान और स्थिर हवा में धूल, उद्योगों की चिमनियों से निकलने वाला जहरीला धुआं, वाहनों से उत्सॢजत किए जाने वाले धुएं का एक गुबार बना दिया है। उत्तर भारत में किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली के कारण दिल्ली विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों में से एक बन गया है। वायु में भारी धातुओं एवं अन्य हानिकारक तत्वों के सूक्ष्म कण विश्व स्वास्थ्य संगठन की सीमाओं के मानक से 30 गुना अधिक हो चुके हैं। ऐसी प्रदूषित हवा में सांस लेना एक दिन में 50 सिगरेट पीने के बराबर है। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के चलते 6000 से अधिक स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद करवा दिया है, इसके साथ ही इस स्थिति से निपटने के लिए भी कारगर कदम उठाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

बच्चों को शहर से बाहर जाने की सलाह
प्रदूषित हवा के कारण विशेषकर बच्चों व बूढ़ों को गले में दर्द व सीने में जकडऩ का सामना करना पड़ सकता है जिनको चिकित्सीय भाषा में दमा के लक्षण कहा जाता है। बच्चों के डाक्टर ने बच्चों को कुछ समय के लिए शहर से बाहर जाने की सलाह दी है, ताकि वे प्रदूषित हवा की चपेट में आने से बच सकें।
PunjabKesari
हवाओं में फैले जहरीले तत्व मानवीय शरीर को पहुंचा रहे हैं नुक्सान
सर गंगा राम अस्पताल में बैड रोगियों से भरे जा रहे हैं। इस सप्ताह की पहली सुबह ही 12 रोगी आए जिन्हें सांस लेने की दिक्कत हो रही थी। अस्पताल के डा. अरविंद कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण के कारण पैदा हुई इन स्थितियों में स्वस्थ व्यक्ति भी गले में खरास महसूस कर रहा है। हवाओं में फैले जहरीले तत्व मानवीय शरीर को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। नेब्यूलाइजर देकर रोगियों के गले व सीने की नसों को जकडऩ व खरास से राहत दिलवाई जा रही है। नेब्यूलाइजर से रोगी शीघ्र ही फिर से उसी हवा में सांस लेने के योग्य हो जाते हैं। डा. कुमार के अनुसार वह रोगियों को प्राकृतिक स्थिति लाने के लिए प्रयासरत हैं ताकि लोग इस हवा में सांस ले सकें।

हम सरकार को टैक्स देते हैं, सरकार क्या दे रही है
गले में दर्द और सीने में जकडऩ की बीमारी से पीड़ित एक बच्चे की मां ने दयनीय स्वर में कहा कि हम सरकार को टैक्स देते हैं और सरकार बदले में क्या दे रही है। इस वायु प्रदूषण से  दिल्ली के लोग त्रस्त हैं। ऐसी ही स्थिति बीते वर्ष की सॢदयों के दौरान भी थी। उन्होंने कहा कि इस बार 6 माह पूर्व ही वायु प्रदूषण को लेकर चर्चा हो रही थी लेकिन इस संबंध में सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया।
PunjabKesari
सरकारें प्रदूषण की समस्या के समाधान में असफल
राज्य व केन्द्र सरकार वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान में असफल है। पर्यावरण अनुसंधानकत्र्ता ऐश्वर्य सुधीर के अनुसार सरकार की बेबसी निराशावादी है। इस समस्या का जड़ से निदान किया जाना अनिवार्य है। डीजल जैनरेटर एवं कोयले से चालित पावर स्टेशनों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। पटाखों को हाल ही में भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा अस्थायी रूप से बंद किया गया है परन्तु समस्या केवल एक शहर की नहीं है। नासा सैटेलाइट ने एक चित्र जारी करके बताया है कि समग्र इंडो जैनेटिक बैल्ट प्रभावित हो रही है।

दिल्ली में 13 कोयला चालित पावर प्लांट 185 मील (300 कि.मी.) की परिधि के भीतर हैं। पंजाब एवं हरियाणा सरकार अपने किसानों को खेतों में पराली जलाने से रोकने में असमर्थ रही है। हवा की दिशा के आधार पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब दिल्ली में वायु प्रदूषण संकट और बढ़ा रहे हैं। जब तक इन स्थानों पर स्थानीय प्रदूषण को रोका नहीं जाता है तब तक आप दिल्ली की वायु गुणवत्ता को सुधार नहीं सकते। पंजाब के मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से इस संबंध में किसी प्रकार के सहयोग हेतु बैठक नहीं की है।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!