Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 04:11 PM
राज्य के गृह विभाग ने बेहद चौकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं जिनके अनुसार सुरक्षाबलों पर पत्थर फैंकने वाले युवाओं में हुर्रियत कांफ्रैं स एवं अन्य अलगाववादी संगठनों से ज्यादा युवक सरकारी कर्मचारी थे।
जम्मू : राज्य के गृह विभाग ने बेहद चौकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं जिनके अनुसार सुरक्षाबलों पर पत्थर फैंकने वाले युवाओं में हुर्रियत कांफ्रैं स एवं अन्य अलगाववादी संगठनों से ज्यादा युवक सरकारी कर्मचारी थे। पिछले दो साल के दौरान पत्थरबाजी के आरोप में 11290 युवकों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 233 का अभी कोई सुराग नहीं मिला है।
गृह विभाग द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो वर्ष के दौरान पुलिस ने पत्थरबाजी के 3773 आपराधिक मामले दर्ज किए जिसके तहत 11290 युवाओं को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 233 युवक अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस द्वारा जांच के बाद 1692 मामलों में चालान पेश कर दिया गया है और 1841 मामलों में जांच चल रही है।
दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2016 के दौरान हुर्रियत कांफ्रैंस या अन्य अलगाववादी संगठनों से सीधे तौर पर जुड़े केवल 16 लोगों को पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जबकि ऐसे पत्थरबाजों की तादाद 52 थी जो बकायदा सरकारी कर्मचारी हैं। सरकार द्वारा 2016 में कुछ पत्थरबाजी के आरोप में संलिप्त पाए गए 4412 युवाओं में से 3584 को आम माफी योजना के तहत रिहा कर दिया गया था।
इसी प्रकार 2017 में हुर्रियत या अन्य किसी अलगाववादी संगठन से सीधे तौर पर जुड़ा कोई भी युवक पत्थरबाजी की किसी घटना में संलिप्त नहीं पाया गया, जबकि ऐसे चार कर्मचारी पत्थरबाजी करते पाए गए जो बकायदा सरकारी खजाने से वेतन लेते हैं। 2017 के दौरान पत्थरबाजी की घटनाओं में संलिप्त पाए गए 517 में से सरकार ने 490 युवाओं को आम माफी दे दी थी।