2015 में प्रदूषण से भारत में 25 लाख लोगों की मौत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Oct, 2017 08:44 PM

most of the deaths from pollution in india

भारत में वर्ष 2015 में वायु, जल और दूसरे तरह के प्रदूषणों की वजह से दुनिया में सबसे ज्यादा मौत हुईं। प्रदूषण की वजह से उस साल देश में 25 लाख लोगों की जान गई। लैंसेट जर्नल में आज प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात कही गई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इनमें से...

नई दिल्ली: भारत में वर्ष 2015 में वायु, जल और दूसरे तरह के प्रदूषणों की वजह से दुनिया में सबसे ज्यादा मौत हुईं। प्रदूषण की वजह से इस साल देश में 25 लाख लोगों की जान गई। लैंसेट जर्नल में आज प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात कही गई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इनमें से अधिकतर मौतें प्रदूषण की वजह से होने वाली दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, फेफड़ों के कैंसर और सांस की गंभीर बीमारी सीओपीडी जैसी गैर संचारी बीमारियों की वजह से हुईं।  
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शोधकर्ताओं में दिल्ली में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और अमेरिका के इकाह्न स्कूल ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञ शामिल थे। शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रदूषण से जुड़ी 92 फीसदी मौत निम्न से मध्यम आय वर्ग में हुईं।  भारत, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, मेडागास्कर और केन्या जैसे औद्योगीकरण से तेजी से जुड़े देशों में प्रदूषण की वजह से होने वाली हर चार में से एक मौत होती है। 
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सबसे ज्यादा मौत भारत में
-दुनिया भर में प्रदूषण से करीब 90 लाख लोगों की मौत
-भारत में 25 लाख मौत 
-चीन में मरने वालों का आंकड़ा 18 लाख 

लैंसेट की यह रिपोर्ट दो वर्ष तक किए गए उस अध्ययन का नतीजा है जिसमें स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़े 40 से अधिक विशेषज्ञों और लेखकों को शामिल किया गया था। इनमें पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश और आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर मुकेश खरे भी शामिल थे।  रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पर्यावरण प्रदूषणों में से वायु प्रदूषण सबसे घातक रहा है। 

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वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में भारत के बाद चीन का स्थान रहा जहां 15 लाख 80 हजार लोग वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से असामयिक मौत मरे। चीन के बाद पाकिस्तान, बंगलादेश और रूस का नबंर रहा।   रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा गया है कि आज के समय दुनिया में सबसे ज्यादा बीमारियां पर्यावरण प्रदूषण की वजह से हो रही हैं। मलेरिया, एडस और तपेदिक से हर साल जितने लोग मरते हैं उससे तिगुने लोग प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से मर जाते हैं। पर्यावरण प्रदूषण के कारण सांस लेने वाली हवा और जल स्रोतों के साथ जमीन की मिट्टी तक प्रदूषित हो जाती है जिससे मानव शरीर में कई तरह के संक्रमणों का खतरा पैदा हो जाता है। रिपोर्ट की वरिष्ठ संपादक डॉक्टर पामेला दास के अनुसार, इसका उद्देश्य दुनियाभर में पर्यावरण प्रदूषण को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने के साथ ही नीति निर्धारकों को यह समझाना भी है कि वह पर्यावरण संरक्षण से जुड़े नियमों को प्रभावी तरीके से लागू करने की समुचित व्यवस्था करें। 

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