दिव्यांश की मां ने अपने बेटे की याद में लिखी भावुक कविता, पढ़ेंगे तो आ जाएंगे आंखों में आंसू

Edited By ,Updated: 01 Feb, 2016 10:12 PM

mother poem written in memory of his son then it will be read with tears in eyes

साउथ दिल्ली के रयान इंटरनैशनल स्कूल की टंकी में गिरकर 6 साल के बच्चे दिव्यांश की मौत से उसके माता पिता गहरे सदमे में है।

नई दिल्ली: साउथ दिल्ली के रयान इंटरनैशनल स्कूल की टंकी में गिरकर 6 साल के बच्चे दिव्यांश की मौत से उसके माता पिता गहरे सदमे में है। दिव्यांश की मां ने अपने बेटे की याद में एक कविता लिखी है। जो बेहद भावुक है... 


मेरा बेटा दिव्यांश 
चांद वहीं है, तारे वहीं हैं
तेरे बिस्तर पर तेरी मां वहीं है, पापा वहीं हैं 
तकिया वहीं है, चादर वहीं है
पर, मेरे साथ आज मेरा लाल तू नहीं है?

तेरे खिलौने देखूं...
तेरी कार देखूं...
पर मेरे चांद तेरा चेहरा मैं आज कैसे देखूं...

छूता था इन सबकों अपने हाथों से 
यही सोचकर आज इन्हें गले लगा रही हूं...

आंखें बंद करूं तो तू दिके
आंखें खोलूं तो ओझल हो जाए 

एक बार तूने जाते वक्त मां पुकारा तो होगा
काश! मैं तेरे साथ होती 
काश! आज तू मेरे पास होती 
काश! काश! काश! 
मां 

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