Edited By ,Updated: 19 Apr, 2017 07:21 PM
हमने अकसर देखा है कि गुटके या तम्बाकू के खिलाफ सभी अभियान कमजोर पड़ जाते हैं। इससे लोगों को कई गंभीर बिमारियों से जूझना पड़ता है ।
नई दिल्ली: हमने अकसर देखा है कि गुटके या तम्बाकू के खिलाफ सभी अभियान कमजोर पड़ जाते हैं। इससे लोगों को कई गंभीर बिमारियों से जूझना पड़ता है लेकिन दिल्ली के स्लम में रहने वाली रौशनी के गुटखा खाने की सजा उसकी 2 साल की बच्ची शमा को मिली। नौबत यहां तक आ गई कि अब रौशनी के बस यही दुआ है कि या तो वह ठीक हो जाए या फिर मर जाए। एक मां का अपनी औलाद के लिए इतना बड़ी बात कहना जहर का घूंट पीने के बराबर है। क्योंकि रौशनी नहीं चाहती कि उसकी बच्ची को और दर्द बर्दाश्त करना पड़े।
दरअसल, जब शमा का जन्म हुआ तो उसके शरीर की स्किन एक उठी हुई परत की तरह दिखाई दे रही थी जो कि एक भयंकर बीमारी के लक्षण थे। बच्ची की इस हालत का जिम्मेदार उसकी मां को माना जा रहा है, क्योंकि उसे तम्बाकू खाने की आदत थी, जिसकी वजह से आज शमा की ये हालत है। 2 वर्षीय बच्ची अपनी बीमारी के कारण होने वाले दर्द से तड़पती रह जाती है।
वहीं रौशनी का कहना है कि आज पूरा समाज मेरी बच्ची कि इस हालत के लिए मुझे जिम्मेदार मानता है, लोग कहते हैं वो इसलिए ऐसी पैदा हुई है क्योंकि मुझे तम्बाकू खाने की आदत है। रौशनी ने कहा कि मेरी बच्ची इसलिए ऐसी जन्मी है, क्योंकि मैं शापित हूं। अपना दुखड़ा बताते हुए रौशनी ने कहा कि जब शमा पैदा हुई तो वो अपनी बच्ची को देखकर डर गई थी और उसे गौद में लेते समय घबरा रही थी।