Edited By ,Updated: 11 Nov, 2016 12:19 PM
1000-500 रुपए के नोट बंद होने के बाद मध्य प्रदेश केे देवास की सिया गांव की पंचायत में एक ऐसा नजारा सामने आया, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया।
इंदौरः 1000-500 रुपए के नोट बंद होने के बाद मध्य प्रदेश केे देवास की सिया गांव की पंचायत में एक ऐसा नजारा सामने आया, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। यहां पर भीख मांगकर गुजारा करने वाला एक नेत्रहीन बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ पंचायत पहुंचा। उसने अपनी पोटली से एक लाख रुपए के पुराने नोट निकालकर टेबल पर रख दिए और सरपंच से इन नाेटाें काे बदलने की गुजारिश करने लगा।
चूहों ने कुतरे हजारों रुपए
सरपंच ईश्वरसिंह पंवार ने बताया कि सुबह जब वे अपने घर के बाहर खड़े थे, तभी अचानक बुजुर्ग सीताराम उनके पास आए और कहा मुझे आपसे कुछ काम है। मैंने उन्हें पंचायत के दफ्तर आने को कहा। वह करीब 12 बजे अपनी पत्नी के साथ एक पोटली लेकर पहुंचे। मैंने उन्हें बैठने काे कहा तो वे अपनी पोटली खोलकर हजार और पांच सौ के नोट टेबल पर रखने लगे। देखते ही देखते उन्होंने टेबल पर नोटों का ढेर लगा दिया। उनके पास कुल मिलाकर 1 लाख 7 हजार पांच सौ रुपए निकले। इनमें से 5 सौ के 19 नोट ऐसे थे, जिन्हें चूहे कुतर गए थे, बाकि 98 हजार रुपए के नोट सही थे।
भिखारी ने की मदद की गुहार
पैसे रखकर पति-पत्नी कहने लगे कि हमने घर बनाने के लिए पैसे इकट्ठे किए थे अब सरकार ने नोट बंद कर दिए हैं, इन्हें बदलवाकर नए नोट दिलवा दो। पंचायत में मेरे अलावा सचिव एजाज पटेल और कुछ और लोग भी थे। हम सब ये देखकर हैरान रह गए। सरपंच ने उन्हें कहा कि बाबा इतना पैसा एक साथ बदला नहीं जा सकता। ये पैसा बैंक अकाउंट में जमा हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा कोई बैंक अकाउंट नहीं है। इस बैंक मैनेजर से बात की गई, जिन्हाेंने एक-दो दिन में उनका अकाउंट खोलने और साथ में खर्चे के लिए 4 हजार रुपए बदलने की बात कही। उल्लेखनीय है कि सीताराम मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। वे पिछले 35 साल से वे साल के 7-8 महीने सिया गांव में रहते हैं।