Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Mar, 2018 07:05 PM
देश के शीर्ष संवैधानिक प्राधिकारियों राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपालों और उपराज्यपालों की गाड़ियों पर अब जल्द ही पंजीकरण नंबर नजर आएंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय की...
नेशनल डेस्क: देश के शीर्ष संवैधानिक प्राधिकारियों राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपालों और उपराज्यपालों की गाड़ियों पर अब जल्द ही पंजीकरण नंबर नजर आएंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ के समक्ष दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि उसने संबंधित प्राधिकारों को इन वाहनों का पंजीकरण कराने के लिए पत्र लिखा है।
पंजीकरण चिह्न किया जाएगा प्रर्दिशत
हलफनामे में कहा गया कि देश में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपालों और उपराज्यपालों और सचिव को दो जनवरी 2018 की तारीख वाले पत्र में सुनिश्चित करने को कहा गया कि देश के राष्ट्रपति / उपराष्ट्रपति के सचिवालय, राज्यपाल / उपराज्यपाल / या उनके अधिकारियों / सचिवालय, विदेश मंत्रालय में इस्तेमाल होने वाले वाहनों का अगर पंजीकरण नहीं हुआ है तो कराया जाए और नियम के मुताबिक पंजीकरण चिह्न प्रर्दिशत किया जाए।
पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू
केंद्र सरकार के स्थायी वकील राजेश गोगना के जरिए दाखिल हलफनामे में कहा गया कि पत्र के आलोक में उपराष्ट्रपति सचिवालय ने सूचित किया है कि देश के उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी के इस्तेमाल वाले वाहनों सहित इस सचिवालय के सभी वाहन अपना पंजीकरण नंबर प्रर्दिशत करते हैं। उच्च न्यायालय को बताया गया कि विदेश मंत्रालय ने भी सूचित किया है कि उसके पास 14 वाहन हैं जिसका इस्तेमाल विदेशी विशिष्टजनों के दौरे के दौरान होता है। मंत्रालय ने वाहनों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
गैर सरकारी संगठन न्यायभूमि के जरिए दाखिल याचिका में दावा किया गया कि पंजीकरण नंबर की जगह चार सिंह वाले राजकीय प्रतीक को प्रर्दिशत करने वाली गाडिय़ों पर सहज ही ध्यान चला जाता है और इसे आतंकवादी और गलत इरादे रखने वाला कोई भी आसानी से निशाना बना सकता है। एनजीओ के सचिव राकेश अग्रवाल की ओर से दाखिल याचिका में दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को मोटर वाहन कानून के तहत पंजीकृत नहीं कराई गयी ऐसी कारों को जब्त करने का निर्देश देने की मांग की गयी है जिनका इस्तेमाल राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति, राजनिवास और विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल डिवीजन में होता है ।